सरदार साहब को उस समय की कांग्रेस सरकारों से उचित सम्मान नहीं मिला था. भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से उन्हें सम्मानित करने में 41 साल लग गए. यह देरी उनके प्रति उस समय की नीतियों और राजनीतिक माहौल की वजह से हुई. आखिरकार, 41 साल बाद उन्हें भारत रत्न का सम्मान दिया गया जो उनकी सेवाओं और देश के प्रति योगदान को मान्यता देता है.