यह वीडियो यह दर्शाता है कि किस तरह एक व्यक्ति, जो नाबालिग बेटी के बलात्कार और हत्या के दोषी पाया गया, उसको परिवार सहित इतनी आसानी से रिहा कर दिया गया. सीबीआई की भूमिका इस पूरे मामले में सवालों के घेरे में आ गई है. अंकिता भंडारी के मामले में सीबीआई जांच की मांग लंबे समय से की जा रही थी, लेकिन इसे सौंपा नहीं गया. जब इस मामले को अंततः सीबीआई को सौंपा गया तो उसके कमजोर तरीके से लड़ाई लड़ने का नतीजा यह निकला कि आरोपी को पूरी तरह से आजाद कर दिया गया.