वैज्ञानिकों ने खोजा नया ब्लड ग्रुप MAL, 50 साल पुराना रहस्य खुला...

1972 में एक गर्भवती महिला के रक्त में एक अजीब कमी पाई गई थी. 50 साल बाद, शोधकर्ताओं ने इस पर शोध करके एक नए रक्त समूह की खोज की. यह खोज दुर्लभ रक्त समूह वाले रोगियों के लिए बेहतर उपचार में मदद करेगी.

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MAL ब्लड ग्रुप बेहद दुर्लभ है. इसे खोजने में साइंटिस्ट तो 50 साल लग गए. (सभी फोटोः गेटी) MAL ब्लड ग्रुप बेहद दुर्लभ है. इसे खोजने में साइंटिस्ट तो 50 साल लग गए. (सभी फोटोः गेटी)

आजतक साइंस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 15 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 12:24 PM IST

1972 में एक गर्भवती महिला के रक्त में एक अनोखी कमी मिली. 50 साल के शोध के बाद ब्रिटेन और इज़राइल के वैज्ञानिकों ने एक नए रक्त समूह की खोज की. 2024 में टीम ने अपने पेपर में इस खोज को प्रकाशित किया. इससे दुर्लभ रक्त प्रकार वाले मरीजों का बेहतर इलाज संभव होगा. 

लगभग 20 वर्षों तक इस रक्त संबंधी विशिष्टता पर शोध करने के बाद यूके नेशनल हेल्थ सर्विस के हेमेटोलॉजिस्ट लुईस टिली ने पिछले सितंबर में कहा कि यह एक बड़ी उपलब्धि है. हमारे रक्त में कई प्रकार के रक्त समूह होते हैं, जिनमें ABO और Rh प्रमुख हैं. ये रक्त समूह प्रोटीन और शर्करा से बनते हैं जो रक्त कोशिकाओं पर पाए जाते हैं. हमारा शरीर इनका उपयोग बीमारियों की पहचान के लिए करते हैं. हानिकारक तत्वों से बचाव करते हैं.

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टिली ने बताया कि रक्त चढ़ाते समय रक्त समूह का मिलान बहुत जरूरी है. अगर रक्त समूह मेल नहीं खाता, तो इससे गंभीर प्रतिक्रियाएं हो सकती हैं. नए रक्त समूहों की खोज से दुर्लभ ब्लड ग्रुप वाले मरीजों का बेहतर इलाज हो सकेगा. 

नया ब्लड ग्रुप MAL क्या है?

पिछले शोध में पाया गया कि 99.9% से अधिक लोगों में AnWj एंटीजन होता है, जो 1972 की मरीज के रक्त में नहीं था. यह एंटीजन माइलिन और लिम्फोसाइट प्रोटीन पर पाया जाता है, जिससे शोधकर्ताओं ने नए रक्त समूह को MAL ब्लड ग्रुप नाम दिया.

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जब किसी व्यक्ति के दोनों MAL जीन में म्यूटेशन होता है, तो उनका रक्त AnWj-नकारात्मक हो जाता है. जैसे कि गर्भवती मरीज का था. टिली और उनकी टीम ने तीन मरीजों की पहचान की जिनमें दुर्लभ रक्त प्रकार था, लेकिन इस म्यूटेशन नहीं था, जिससे पता चलता है कि कभी-कभी रक्त विकार भी एंटीजन को दबा सकते हैं.

MAL रक्त समूह

- यह रक्त समूह माइलिन और लिम्फोसाइट प्रोटीन पर आधारित है.
- AnWj एंटीजन की अनुपस्थिति से MAL रक्त समूह की पहचान होती है.
- दुर्लभ रक्त प्रकार वाले मरीजों में MAL जीन म्यूटेशन या रक्त विकार हो सकते हैं.
 
MAL की पहचान मुश्किल

वेस्ट ऑफ इंग्लैंड विश्वविद्यालय के सेल बायोलॉजिस्ट टिम सेटचवेल ने समझाया कि MAL एक बहुत छोटा प्रोटीन है जिसमें कुछ दिलचस्प गुण हैं, इसलिए इसकी पहचान करना मुश्किल है. हमें इस रक्त समूह प्रणाली को स्थापित करने के लिए आवश्यक प्रमाण जमा करने के लिए कई जांच पंक्तियों को फॉलो करना पड़ा. 

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दशकों के शोध के बाद,टीम ने सामान्य एमएएल जीन को AnWj-नकारात्मक रक्त कोशिकाओं में डाला. इससे प्रभावी रूप से उन कोशिकाओं में AnWj एंटीजन पहुंच गया. एमएएल प्रोटीन कोशिका झिल्लियों को स्थिर रखने और कोशिका परिवहन में सहायता करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

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नवजात शिशुओं में नहीं होता 

पिछले शोध में पाया गया कि AnWj एंटीजन नवजात शिशुओं में नहीं होता है, लेकिन जन्म के तुरंत बाद दिखाई देता है. दिलचस्प बात यह है कि अध्ययन में शामिल सभी AnWj-नकारात्मक मरीजों में एक ही म्यूटेशन था. हालांकि, इस म्यूटेशन के साथ कोई अन्य कोशिका असामान्यताएं या बीमारियां नहीं पाई गईं.

एमएएल प्रोटीन

- एमएएल प्रोटीन कोशिका झिल्लियों को स्थिर रखने में मदद करता है.
- यह कोशिका परिवहन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
- AnWj एंटीजन की अनुपस्थिति से MAL रक्त समूह की पहचान होती है. 

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