International Tiger Day: दुनिया में कितने टाइगर बचे हैं... सुंदरबन से जिम कॉर्बेट तक- भारत अपने बाघों की सुरक्षा कैसे कर रहा है?

International Tiger Day हमें याद दिलाता है कि टाइगर हमारे इकोसिस्टम का अहम हिस्सा हैं. दुनिया में 3890 से 4000 टाइगर बचे हैं. भारत में इनमें से 3682 हैं, जो ग्लोबल आबादी का 75% है. जिम कॉर्बेट, बांधवगढ़ और बांदीपुर जैसे रिजर्व इनकी सबसे बड़ी शरणस्थली हैं. लेकिन शिकार और जंगल की कटाई जैसे खतरे अभी भी बाकी हैं.

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टाइग्रेस त्रिशुली, जो अपनी गाल पर त्रिशूल के निशान के लिए मशहूर है. अपने फ्यूचर प्रिंस के साथ फाटो जोन, कॉर्बेट नेशनल पार्क में नहाते हुए. (Photo: Instagram/@mukesh.c.yadav) टाइग्रेस त्रिशुली, जो अपनी गाल पर त्रिशूल के निशान के लिए मशहूर है. अपने फ्यूचर प्रिंस के साथ फाटो जोन, कॉर्बेट नेशनल पार्क में नहाते हुए. (Photo: Instagram/@mukesh.c.yadav)

ऋचीक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 1:21 PM IST

आज International Tiger Day है, जो हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है. इस दिन का मकसद दुनिया भर में टाइगर कंजर्वेशन (संरक्षण) के बारे में जागरूकता फैलाना. इन खूबसूरत जानवरों को बचाने के प्रयासों को बढ़ावा देना है.

2010 में सेंट पीटर्सबर्ग, रूस में हुए टाइगर समिट में इस दिन को शुरू करने का फैसला हुआ था, जब टाइगर की संख्या में भारी कमी देखी गई थी. तो आइए, समझते हैं कि आज दुनिया में कितने टाइगर बचे हैं, ये कहां-कहां पाए जाते हैं. भारत में सबसे ज्यादा टाइगर कौन सी जगहों पर हैं.

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दुनिया में कितने टाइगर बचे हैं?

करीब 100 साल पहले तक टाइगर की संख्या लाखों में थी, लेकिन शिकार, जंगलों की कटाई और अवैध व्यापार की वजह से ये संख्या तेजी से घट गई. आजकल, टाइगर पूरी दुनिया में लुप्तप्राय प्रजाति (Endangered Species) माने जाते हैं. 

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(Photo: Instagram/@mukesh.c.yadav)

2022 की ग्लोबल टाइगर सेंसस के मुताबिक, पूरी दुनिया में लगभग 3890 से 4000 टाइगर बचे हैं. ये संख्या अनुमान पर आधारित है, क्योंकि जंगलों में इन्हें गिनना आसान नहीं है.

  • कम होने की वजह: शिकार, जंगलों का नाश और इनके अंगों का अवैध व्यापार (जैसे त्वचा और हड्डियों के लिए) सबसे बड़ी वजहें हैं.  
  • उम्मीद की किरण: भारत जैसे देशों में कंजर्वेशन प्रोग्राम्स की वजह से टाइगर की संख्या बढ़ रही है, जो ग्लोबल नंबर को थोड़ा संभाल रहा है.

दुनिया में टाइगर कहां-कहां हैं और कितने?

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टाइगर मुख्य रूप से एशिया में पाए जाते हैं. कुछ खास देशों में इनकी आबादी बची है. ये हैं प्रमुख देश और उनके अनुमानित टाइगर...

(Photo: Instagram/@mukesh.c.yadav)
  • भारत: दुनिया में सबसे ज्यादा टाइगर भारत में हैं. 2022 की सेंसस के मुताबिक, यहां लगभग 3682 टाइगर हैं, जो ग्लोबल आबादी का करीब 75% है.  
  • रूस: साइबेरियन (अमूर) टाइगर रूस के सुदूर पूर्वी जंगलों में पाए जाते हैं. इनकी संख्या करीब 500-600 है.  
  • इंडोनेशिया: सुमात्रा टाइगर यहां पाए जाते हैं. इनकी संख्या लगभग 400 है. ये गंभीर रूप से लुप्तप्राय हैं.  
  • नेपाल: चितवन और बार्डिया नेशनल पार्क में करीब 350-400 टाइगर हैं.  
  • मलेशिया: मलायन टाइगर की संख्या लगभग 150 है, जो खतरे में हैं.  
  • बांग्लादेश: सुंदरबन के मैंग्रोव जंगलों में करीब 100-120 टाइगर हैं.  
  • थाईलैंड: इंडोचाइनीज टाइगर की संख्या लगभग 150 है।.

बाकी देशों जैसे म्यांमार, भूटान और चीन में टाइगर की संख्या बहुत कम (50-100) या लगभग खत्म हो चुकी है. ग्लोबल टाइगर फोरम के मुताबिक, अगर कंजर्वेशन नहीं बढ़ाया गया तो कई इलाकों से टाइगर पूरी तरह गायब हो सकते हैं.

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भारत में सबसे ज्यादा टाइगर कहां हैं?

भारत टाइगर कंजर्वेशन में सबसे आगे है. यहां 53 टाइगर रिजर्व हैं जो इनकी सुरक्षा के लिए बनाए गए हैं. 2022 की टाइगर सेंसस के मुताबिक, भारत में टाइगर की संख्या 3682 है, जो 2018 के 2967 से 24% ज्यादा है. ये बढ़ोतरी प्रोजेक्ट टाइगर और नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) की मेहनत का नतीजा है. आइए, देखते हैं कि भारत में सबसे ज्यादा टाइगर कौन से जगहों पर हैं...

(Photo: Instagram/@mukesh.c.yadav)

जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (उत्तराखंड): यह भारत का पहला टाइगर रिजर्व है. यहां सबसे ज्यादा टाइगर हैं. 2022 में यहां 260 टाइगर कैमरे में कैद हुए. ये जगह टाइगर सफारी के लिए भी मशहूर है. शिकारियों से बचाने के लिए सख्त निगरानी है.

बांदीपुर टाइगर रिजर्व (कर्नाटक): नीलीगिरी बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा, यहां 150 टाइगर हैं. हाथी और हिरण जैसे शिकार की अच्छी उपलब्धता की वजह से टाइगर यहां फल-फूल रहे हैं.

नागरहोल टाइगर रिजर्व (कर्नाटक): इस रिजर्व में 141 टाइगर हैं. ये भी नीलीगिरी बायोस्फीयर का हिस्सा है और टाइगर के लिए सुरक्षित माहौल देता है.

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (मध्य प्रदेश): मध्य प्रदेश टाइगर की आबादी में नंबर वन है. बांधवगढ़ में 135 टाइगर हैं. राज्य में कुल 785 टाइगर हैं, जो भारत में सबसे ज्यादा है.

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कान्हा टाइगर रिजर्व (मध्य प्रदेश): यहां 105 टाइगर हैं. ये रिजर्व अपनी जैव विविधता के लिए मशहूर है.

अन्य उल्लेखनीय जगहें: काजीरंगा (असम) में 104, सुंदरबन (पश्चिम बंगाल) में 100 और ताडोबा (महाराष्ट्र) में 97 टाइगर हैं.

मध्य प्रदेश, कर्नाटक और उत्तराखंड जैसे राज्य टाइगर कंजर्वेशन में सबसे आगे हैं, लेकिन कुछ जगहों जैसे ओडिशा, झारखंड और अरुणाचल प्रदेश में संख्या घट रही है.

(Photo: Instagram/@mukesh.c.yadav)

टाइगर कंजर्वेशन की चुनौतियां

  • शिकार और अवैध व्यापार: टाइगर की खाल और हड्डियों की मांग अभी भी खतरा है.  
  • जंगल की कटाई: इंसानों के फैलाव से टाइगर का घर कम हो रहा है.  
  • शिकार की कमी: हिरण और जंगली सुअर जैसे शिकार की संख्या घटने से टाइगर भूखे रह जाते हैं.  
  • इंसान-टाइगर टकराव: जंगलों के बाहर टाइगर इंसानों और मवेशियों पर हमला करते हैं, जिससे स्थानीय लोग नाराज हैं.

भारत ने प्रोजेक्ट टाइगर (1973 से शुरू) और NTCA के जरिए इन चुनौतियों से निपटने की कोशिश की है. कैमरा ट्रैप, ड्रोन और सख्त गश्ती से शिकार कम हुआ है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

विशेषज्ञ मानते हैं कि भारत का मॉडल दुनिया के लिए मिसाल है, लेकिन जंगल और शिकार की संख्या बढ़ाने की जरूरत है. कुछ इलाकों में टाइगर खत्म हो चुके हैं, जैसे मिजोरम और झारखंड के कुछ रिजर्व. अगर इंसान और टाइगर के बीच संतुलन नहीं बना, तो ये बढ़ोतरी रुक सकती है.

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नोट: यहां मौजूद सभी फोटो वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर मुकेश यादव ने भेजी हैं. 

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