अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने खुलासा किया है कि धरती की तरह 17 और ग्रह हैं, जहां पर जीवन संभव है. क्योंकि वहां पर्याप्त मात्रा में पानी है. ये सभी ग्रह हमारे सौर मंडल से बाहर हैं. कुछ ग्रहों पर बर्फीले समंदर हैं. जहां पर गाइजर (Geysers) हैं. कुछ पर सतह के ऊपर समंदर है. कुछ पर सतह के नीचे समंदर है.
नासा के वैज्ञानिकों ने इन ग्रहों पर मौजूद गाइजर की स्टडी की है. गाइजर यानी ऐसे जमीनी छेद जहां से पानी फव्वारे की तरह बाहर निकलता है. जब पानी के जमाव या पिघलने की वजह से बर्फीले समंदर की सतह के नीचे प्रेशर बनता है, तो ये फव्वारे की तरह बाहर निकलने लगते हैं. कई बार तो ये कई सौ मीटर ऊंचे होते हैं.
दुनियाभर के वैज्ञानिक सौर मंडल के बाहर मौजूद ग्रहों यानी एक्सोप्लैनेट्स (Exoplanets) पर रहने लायक जगहों की तलाश कर रहे हैं. यानी हैबिटेबल जोन की. ये जोन पानी के अंदर या जमीनी सतह पर हो सकता है. लेकिन जीवन के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है पानी की मौजूदगी. इन 17 ग्रहों पर पानी मौजूद है, वह भी समंदर के रूप में.
हमारे सौर मंडल में भी हैं दो ऐसे ही चंद्रमा
कई ऐसे एक्सोप्लैनेट्स हैं, जिनकी सतह बहुत ठंडी है. इसलिए वहां पर जमीनी सतह के नीचे पानी का समंदर है. कई पर बर्फीले समंदर हैं. जैसे हमारे बृहस्पति ग्रह का चांद यूरोपा (Europa) और शनि ग्रह का चांद इन्सीलेडस (Enceladus). इन दोनों चंद्रमाओं पर जमीनी सतह के नीचे समंदर मौजूद है. लेकिन ये पड़ोसी ग्रहों के ग्रैविटेशनल खिंचाव और नजदीकी ग्रह की गर्मी की वजह से पिघलते भी हैं.
समंदर के अंदर ही होती है जीवन की शुरूआत
जमीनी सतह के नीचे मौजूद समंदर से ये उम्मीद रहती है कि उनके अंदर जीवन होगा. यानी ऐसे जैविक कण (Biological Molecules) जो जीवन की उत्पत्ति और उसे बढ़ाने के लिए जरूरी होते हैं. इन समंदरों की निचली सतह पर हाइड्रोथर्मल वेंट्स (Hydrothermal Vents) होते हैं, जहां से इन जैविक कणों को ऊर्जा और पोषण मिलता है.
बर्फीले समंदर अंदरूनी गर्मी से होते हैं गर्म
नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर की साइंटिस्ट डॉ. लिन क्विक ने कहा कि हमारी एनालिसिस के मुताबिक इन 17 ग्रहों पर बर्फीले समंदर हैं. जिनमें जीवन होने की पूरी संभावना है. ये समंदर ग्रह के अंदरूनी हिस्सों से गर्मी प्राप्त करते हैं. यानी रेडियोएक्टिव पदार्थों के खत्म होने से. साथ ही समंदर में आने वाले अंदरूनी लहरों के बहाव से गर्मी मिलती है.
गर्मी की वजह से ही पैदा होता है जीवन
डॉ. लिन ने बताया कि अंदरूनी गर्मी की वजह से कई बार इन ग्रहों पर क्रायोवॉल्कैनिक विस्फोट होते हैं. यानी बर्फीले ज्वालामुखी फटते हैं. जिसे हम गाइजर की तरह ट्रीट करते हैं. यह स्टडी हाल ही में एस्ट्रोफिजिकल जर्नल में प्रकाशित हुई है. हजारों एक्सोप्लैनेट्स की स्टडी करने के बाद हमने फिलहाल इन 17 ग्रहों को जीवन के लायक पाया है.
17 ग्रह एकदम धरती की तरह ही हैं
ये 17 ग्रह धरती के आकार के आसपास हैं. यहां पर पर्याप्त रोशनी, पानी और बर्फ मौजूद है. पत्थर हैं. इनका असली कंपोजिशन अब भी पता कर रहे हैं. लेकिन इतनी चीजों की जानकारी तो हमें मिल चुकी है. लेकिन ये सभी ग्रह धरती से ज्यादा ठंडे हैं. जिससे पता चलता है कि इनके ऊपर या सतह के नीचे बर्फीले समंदर है. जो जीवन पनपने दे रहे हैं.
आजतक साइंस डेस्क