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समंदर का तापमान बढ़ने से ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट बैरियर रीफ को हुआ 39 वर्षों में सबसे बड़ा कोरल नुकसान - देखें PHOTOS

आजतक साइंस डेस्क
  • 08 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 11:20 AM IST
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ग्रेट बैरियर रीफ ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड के तट से लगभग 2,400 किमी तक फैला हुआ दुनिया का सबसे बड़ा लिविंग ईकोसिस्टम है. ऑस्ट्रेलियाई समुद्री विज्ञान संस्थान के अनुसार, इसके नॉर्थ और साउथ क्षेत्रों में 39 सालों बाद मूंगा पत्थरों में इतनी बड़ी गिरावट रिकॉर्ड की गई है. Photo: Reuters

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समंदर का गर्म होता पानी कोरल्स के लिए हानिकारक होता जा रहा है. ब्लीचिंग के दौरान कोरल्स अपना रंग और खाना देने वाले शैवाल दोनों को खो देते हैं. तस्वीर में एक गोताखोर ग्रेट बैरियर रीफ में कोरल्स का निरीक्षण करता हुआ दिखाई दे रहा है. Photo: AP

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साल 2016 और 2017 में एक के बाद एक ब्लीचिंग ने रीफ को काफी नुकसान पहुंचाया था. पर साल 2024 में समंदर का तापमान 400 सालों में सबसे ज्यादा रिकॉर्ड किया गया था. जो रीफ के अस्तित्व के लिए एक खतरे की घंटी थी. Photo: Reuters

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वैज्ञानिकों के अनुसार, ग्लोबल वार्मिंग के कारण दुनिया का तापमान 1.3 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ चुका है. पर अगर यह 1.5 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो गया तो 70-90% कोरल रीफ्स नष्ट हो जाएंगे. Photo: AP

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सरकारी आंकड़ों के अनुसार, ग्रेट बैरियर रीफ टूरिस्म, फिशींग और वैज्ञानिक रिसर्चों से ऑस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था में सालाना 4.8 अरब अमेरिकी डॉलर का योगदान देती है. तस्वीर में ऑस्ट्रेलिया के ग्रेट बैरियर रीफ में मूंगे के बीच से तैरती मछलियां दिखाई दे रही हैं. Photo: AFP

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ऑस्ट्रेलिया का ग्रेट बैरियर रीफ यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज की सूची में शामिल है. यह विभिन्न प्रकार की मछलियों और समुद्री कछुओं का घर है. तेज हवाएं और ऊंची लहरें कोरल को तोड़ देती हैं. 2024 में साइक्लोन जैस्पर और किरिली ने नौर्थ रीफ को भारी नुकसान पहुंचाया था. Photo: AFP

 

 

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ग्रेट बैरियर रीफ ने साल 2016 से लगातार पांच सालों के गर्मियों के मौसम में बड़े पैमाने पर कोरल ब्लीचिंग को सामना किया है. इस दौरान रीफ के बड़े हिस्से गर्मी के प्रकोप के कारण सफेद हो जाते हैं. इससे उनके मरने का खतरा बढ़ जाता है. Photo: AP

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वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर ब्लीचिंग की घटनाएं बार-बार होती रहीं तो कोरल्स रीफ अपनी पुरानी स्थिति में वापिस नहीं आ पाएंगे और पूरी तरह खत्म हो जाएंगे. Photo: AP

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AIMS 39 सालों से ऑस्ट्रेलिया का ग्रेट बैरियर रीफ की निगरानी कर रहा है. 2024 में किए गए हवाई सर्वेक्षणों में 281 रीफ्स में से 78 रीफ्स में 30% से ज्यादा ब्लीचिंग पाई गई थी. संयुक्त राष्ट्र की सिफारिश है कि ग्रेट बैरियर रीफ को यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साईटस उस सूची में शामिल किया जाना चाहिए जो खतरे में हैं. Photo: AFP

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