Kajari Teej 2025: कजरी तीज पर आज विवाहित महिलाएं करें ये उपाय, महादेव का बना रहेगा आशीर्वाद

Kajari Teej 2025: 12 अगस्त यानी आज कजरी तीज का व्रत रखा जा रहा है. हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को हर वर्ष कजरी तीज मनाई जाती है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं.

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कजरी तीज 2025 (File Photo: Getty Image) कजरी तीज 2025 (File Photo: Getty Image)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 7:43 AM IST

Kajari Teej 2025: कजरी तीज हर साल भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है. इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं. वहीं, अविवाहित लड़कियां भगवान शिव और माता शक्ति को प्रसन्न करने के लिए व्रत करती हैं और अच्छे व समय पर विवाह की कामना करती हैं. माना जाता है कि इस व्रत के पुण्य से महिलाओं की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.  कजरी तीज का व्रत 12 अगस्त यानी आज रखा जा रहा है. ज्योतिषियों की मानें तो, कजरी तीज पर आज कुछ खास उपाय करने से माता पार्वती और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होगा. 

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1. शीघ्र विवाह के लिए उपाय 

कजरी तीज के दिन प्रदोष काल में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें. उनके सामने घी का दीपक जलाएं और शिवजी को पीले वस्त्र तथा माता पार्वती को लाल वस्त्र अर्पित करें. इसके बाद उनसे शीघ्र विवाह की कामना करें और उनकी कृपा की प्रार्थना करें.

2. जीवनसाथी के स्वास्थ्य के लिए उपाय 

कजरी तीज के दिन शाम को भगवान शिव के मंदिर में जाएं और शिवलिंग पर पंचामृत और जल अर्पित करें. इसके बाद अपने जीवनसाथी के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करें और उनका आशीर्वाद लें.

3. सुखी दांपत्य जीवन के लिए उपाय 

कजरी तीज के दिन पति-पत्नी के रिश्ते में सुधार के लिए भगवान शिव को फूल, बेलपत्र और अबीर चढ़ाएं. साथ ही मां गौरी को चांदी के पात्र में सिंदूर अर्पित करें और सुखी दांपत्य जीवन की कामना करें. इस सिंदूर का नियमित उपयोग करने से पति-पत्नी के रिश्ते में मधुरता आएगी.

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कजरी तीज पूजन विधि (Kajari Teej Pujan Vidhi)

कजरी तीज के दिन सुहागन महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और निर्जल व्रत रखें, लेकिन गर्भवती महिलाएं फलाहार कर सकती हैं. इस दिन नीमाड़ी माता की पूजा करें और उन्हें जल, रोली, अक्षत, मेंहदी, काजल और वस्त्र अर्पित करें. साथ ही माता पार्वती और भगवान शिव की भी पूजा करें. पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराएं और दान दें. घर की बड़ी महिलाओं से आशीर्वाद लें और रात में चांद निकलने से पहले श्रृंगार करें. चंद्रमा को अर्घ्य दें और परिक्रमा करने के बाद व्रत खोलें.

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