500, 1000 के नोट बंद हो जाने के बाद से मंदिरों में भी दुविधा का माहौल दिख रहा है. कुछ मंदिरों में अभी भी पुराने नोट दान के रूप में स्वीकार किए जा रहे हैं तो कुछ मंदिरों में श्रद्धालुओं को दान पेटी में इन्हें डालने से मना किया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि 500 और 1000 रुपये के नोट बंद होने की घोषणा के बाद मंगलवार रात से बुधवार शाम मथुरा के मंदिरों में दानदाताओं की संख्या अचानक बढ़ गई. अनुमान लगाया जा रहा है कि यहां करीब 100 करोड़ रुपये जमा हो गए हैं. हालांकि कुल संख्या का पता गुल्लकें खोले जाने पर ही चलेगा. ऐसे में मंदिरों के प्रबंधक तय समय से पहले गुल्लकें खोलने की तैयारी कर रहे हैं, ताकि 500 और 1000 रुपये के नोट बैंकों में जमा कराए जा सकें.
वहीं, मथुरा से सटे वृंदावन के मंदिरों में भक्तों को दान-पात्र में 500, 1000 के नोट डालने से मना कर दिया गया है. इससे वहां आने वालों में निराशा है. वहीं लोगों ने गोशालाओं को भी खूब दान किया है.
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तिरुपति में लगी क्रेडिट कार्ड मशीन
कुछ ऐसी ही दुविधा तिरुपति और तिरुमाला में भी दिखी थी. लेकिन वहां आए भक्तों के आक्रोश काे देखते हुए टिकट और प्रसाद के लिए तिरुपति मंदिर में पुराने 500 और एक हजार रुपये के नोट लिए जा रहे हैं. हालांकि स्थिति को देखते हुए अब मंदिरों में डेबिट और क्रेडिट कार्ड से पेमेंट लेने वाली मशीन लगा दी गई हैं.
दूसरी ओर तिरुमाल तिरुपति देवास्थनमा में नोट बंद होने के बाद श्रद्धालुओं को मुफ्त में खाना बांटा गया.
स्वाति पांडे