माघ शुक्ल की पंचमी तिथि को विद्या और बुद्धि की देवी मां सरस्वती की उपासना की जाती है. इसी उपासना के पर्व को बसंत पंचमी कहते हैं. वर्ष के कुछ विशेष शुभ काल में से एक होने के कारण इसको 'अबूझ मुहूर्त' भी कहा जाता है. इसमें विवाह, निर्माण और अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं. ऋतुओं के इस संधि काल में ज्ञान और विज्ञान दोनों का वरदान प्राप्त किया जा सकता है.
इसके अलावा संगीत कला और आध्यात्म का आशीर्वाद भी इस काल में लिया जा सकता है. अगर कुंडली में विद्या बुद्धि का योग नहीं है या शिक्षा की बाधा का योग है तो इस दिन विशेष पूजा करके उसको ठीक किया जा सकता है.
कब है बसंत पंचमी?-
इस बार बसंत पंचमी का पर्व 30 जनवरी को है, लेकिन कई जगहों पर ये 29 जनवरी को भी मनाई जाएगी. वसंत पंचमी पर इस बार पंचांग भेद है. इसलिए 29 जनवरी (बुधवार) को सुबह 10:46 से बसंत पचमी शुरू हो जाएगी और 30 जनवरी (गुरुवार) दोपहर 1:20 तक रहेगी.
बसंत पंचमी पर किन ग्रहों की करें उपासना?-
कुंडली में अगर बुध कमजोर हो तो बुद्धि कमजोर हो जाती है. ऐसी दशा में अगर मां की उपासना हरे फल अर्पित करके करें तो लाभदायक होगा. बृहस्पति के कमजोर होने पर विद्या प्राप्त करने में बाधा आती है.
ऐसे में बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र धारण करके पीले पुष्प और पीले फलों से मां की उपासना करें. अगर शुक्र कमजोर हो तो मन की चंचलता भी होती है और करियर का चुनाव भी नहीं हो पाता है. ऐसी दशा में वसंत पंचमी के दिन मां की उपासना सफेद फूलों से करना लाभदायक होता है.
मां सरस्वती की उपासना से होगा लाभ-
इस दिन पीले, बसंती या सफेद वस्त्र धारण करें. काले या लाल वस्त्र न पहनें. इसके बाद पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके पूजा की शुरुआत करें. सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे का प्रयोग इस कार्य के लिए करें.
मां सरस्वती को श्वेत चन्दन और पीले तथा सफेद पुष्प अवश्य अर्पित करें. प्रसाद में मिसरी,दही और लावा समर्पित करें. केसर मिश्रित खीर अर्पित करना सर्वोत्तम होगा. मां सरस्वती के मूल मंत्र "ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः" का जाप करें. जाप के बाद प्रसाद ग्रहण करें.
मां सरस्वती की उपासना से क्या लाभ होंगे?-
जिन लोगों को एकाग्रता की समस्या हो, आज से नित्य प्रातः सरस्वती वंदना का पाठ करें. मां सरस्वती के चित्र की स्थापना करें ,इसकी स्थापना पढ़ने के स्थान पर करना श्रेष्ठ होगा. मां सरस्वती का बीज मंत्र भी लिखकर टांग सकते हैं.
जिन लोगों को सुनने या बोलने की समस्या है वो लोग सोने या पीतल के चकोर टुकड़े पर मां सरस्वती के बीज मंत्र "ऐं" को लिखकर धारण कर सकते हैं. अगर संगीत या वाणी से लाभ लेना है तो केसर अभिमंत्रित करके जीभ पर "ऐं" लिखवाएं. किसी धार्मिक व्यक्ति या माता से लिखवाना अच्छा होगा.
कौन से विशेष प्रयोग लाभकारी होंगे?-
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती को कलम अवश्य अर्पित करें और वर्ष भर उसी कलम का प्रयोग करें. पीले या सफेद वस्त्र जरूर धारण करें. काले रंग से बचाव करें. केवल सात्विक भोजन करें और प्रसन्न रहें
बसंत पंचमी के दिन पुखराज और मोती धारण करना अतीव लाभकारी होता है. वसंत पंचमी के दिन स्फटिक की माला को अभिमंत्रित करके धारण करना भी श्रेष्ठ परिणाम देगा. इस दिन खीर जरूर बनाएं और खाएं. घर को सुगंधित बनाए रखें.