साल का आखिरी सूर्य ग्रहण आज सुबह लग चुका है. यह ग्रहण सुबह 8 बजे से दोपहर 1 बजकर 36 मिनट तक रहेगा. ज्योतिषियों का कहना है कि साल का आखिरी सूर्य ग्रहण तबाही का कारण बन सकता है. इसलिए लोगों को संभलकर रहने की जरूरत है.
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सूर्य ग्रहण और उसके प्रभाव का गणित आचार्य भूषण कौशल ने समझाया है. उनका कहना है कि ये सूर्य ग्रहण लोगों की सार्वजनिक और व्यक्तिगत जिंदगी दोनों में असर डालेगा. साथ ही इससे बचने के उपाय भी उन्होंने बताए हैं.
आचार्य भूषण कौशल के अनुसार, ये ग्रहण आने वाले साल पर भी असर डालेगा. सूर्य ग्रहण केतु में लग रहा है और यह भारत में भी दिखाई देगा.
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सूर्य ग्रहण का समय-
इसे कंकणा सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है. 9 बजकर 6 मिनट पर कंकण ग्रहण प्रारंभ होगा, जो 12 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. सूर्य ग्रहण 1 बजकर 57 मिनट पर खत्म होगा. इसकी कुल अवधि 5 घंटे 36 मिनट होगी.
प्राकृतिक आपदाओं का कारण-
आज काल पुरुष की कुंडली में धनु लग्न उदय हो रहा है. भारतवर्ष की कर्क राशि है. कर्क राशि से छठे भाव में ये ग्रहण लगा है. छठा भाव रोग, शत्रु, परेशानी, विपत्ति और प्राकृतिक आपदा के लिए जिम्मेदार होता है.
ज्योतिषी भूषण कौशल के मुताबिक, इसके अलावा छठे भाव में पांच ग्रहों का भी योग बन रहा है. धनु राशि में सूर्य के अलावा चंद्र, बुध, गुरू, शनि केतु विराजमान है. धनु में शनि होने की वजह से सभी ग्रह भारी हैं. काल पुरुष की कुंडली में जब एक तरफ सारे ग्रह चले जाएं तो समझिए आपके जीवन में मुश्किलें आ सकती हैं.
ऐसे में प्राकृतिक आपदा के रूप में भूकंप, भारी वर्षा या भयंकर बर्फबारी की आशंका भी बन सकती है. ओलावृष्टि की तबाही से सबसे ज्यादा खतरा फसलों को होगा. मुख्यतौर पर गन्ने की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान हो सकता है. ग्रहण लगने के 15 दिन पहले और 15 दिन बाद संभलकर रहने की जरूरत होती है.
निजी जीवन में संकट-
चूंकि धनु मास चल रहा है जिसे अशुभ मलमास माना जाता है. इससे आपके मान-सम्मान में कमी आ सकती है. बिजनेस में बड़ा नुकसान हो सकता है. नौकरी पर भी आंच आ सकती है. ज्योतिषीय योग के हिसाब से इस वक्त युद्ध जैसे हालात बनते भी नजर आ रहे हैं.
पद-प्रतिष्ठा गंवाने के भी योग बन रहे हैं. राजनीति में सक्रिय लोगों के लिए भी ये काफी खराब स्थिति पैदा कर सकता है. हालांकि कुछ उपाय कर आप राशि में लगने वाले ग्रहण से बच सकते हैं.
उपाय-1
धनु राशि के दो सबसे भारी ग्रह शनि और सूर्य की उपासना करने से सूर्य ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचा जा सकता है. ग्रहण के बाद सूर्य को जल में शहद, गुड़ या लाल मिर्च डालकर अगले 15 दिनों तक चढ़ाएं.
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उपाय-2
शनि के प्रकोप से बचने के लिए चींटियों को आटा या चीनी डालें. इससे आपके राशि में लगने वाला संकट टल जाएगा.
उपाय-3
ग्रहण काल की अवधि समाप्त होने के बाद केतु को शांत करना होगा. इसके लिए चींटियों को आटा डालें और कुत्ते को दूध पिला दें.
उपाय-4
ग्रहण के बाद दही का तिलक लगाएं या पानी में गंगा जल डालकर स्नान करें. इससे ग्रहण का प्रभाव खत्म हो जाएगा.
उपाय-5
ग्रहण के बाद दान करना भी काफी शुभ होता है. ग्रहण काल की अवधि समाप्त होने के बाद आटा या गुड़ दान में दें.
उपाय-6
बिजनेस में नुकसान, नौकरी पर भी आंच या चरित्र पर लगने वाले आरोपों से बचने के लिए किसी ब्राह्मण को दान करें. ऐसा करने से ग्रहण की वजह से किसी तरह का संकट पैदा नहीं होगा.
सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण दोनों के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व को समझना जरूरी है. साल के अंत में लगने वाले इस सूर्य ग्रहण को 'रिंग ऑफ फायर' का नाम दिया गया है.
सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण दोनों के धार्मिक और वैज्ञानिक महत्व को समझना जरूरी है. साल के अंत में लगने वाले इस सूर्य ग्रहण को 'रिंग ऑफ फायर' का नाम दिया गया है.
बहरहाल, नासा ने सूर्य ग्रहण लगने से पहले एक चेतावनी जारी की है कि इसे नग्न आंखों से देखने का प्रयास न करें. इसे देखने के लिए सनग्लास का इस्तेमाल करना सही होगा. इसके अलावा इसे ऑनलाइन भी देखा जा सकता है.
कैस लगता है सूर्य ग्रहण?
जब सूर्य और पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो सूर्य की चमकती सतह चंद्रमा के कारण दिखाई नहीं पड़ती है. चंद्रमा की वजह से जब सूर्य ढकने लगता है तो इस स्थिति को सूर्यग्रहण कहते हैं.