21 जून 2020 को पूरे भारत में कंकण रूप यानी खंडग्रास रूप में सूर्य ग्रहण दिखाई देगा. ये ग्रहण मृगशिरा, आर्द्रा नक्षत्र और मिथुन राशि में लगेगा. पंडित प्रवीण मिश्रा से जानते हैं ग्रहण और सूतक काल के समय के बारे में. साथ ही जानेंगे कि राशियों के अलावा भारत पर इस ग्रहण का क्या प्रभाव पड़ने वाला है.
ग्रहण का समय
ग्रहण की शुरुआत- सुबह 9:15 बजे से
कंकण प्रारंभ -सुबह 10:17 बजे से
कंकड़ समाप्त- दोपहर 2:02 बजे
ग्रहण समाप्त- दोपहर 3:04 बजे में
ग्रहण का कुल समय- 5 घंटा 48 मिनट
सूर्य ग्रहण कहां कहां दिखाई देगा
पूरे भारत सहित यह सूर्य ग्रहण दक्षिण पूर्वी यूरोप, उत्तरी ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन, बर्मा , फिलीपींस में दिखाई देगा.
सूतक का समय
सूर्य ग्रहण का सूतक 20 जून 2020 की रात 9:16 बजे से शुरू होगा और ग्रहण समाप्त होने पर खत्म होगा.
सूर्य ग्रहण का राशि अनुसार प्रभाव
इस कंकण सूर्य ग्रहण का प्रभाव सभी राशियों पर पड़ेगा. आइए जानते हैं कि ग्रहणकाल के दौरान किन राशि वालों को सावधान रहना चाहिए.
मेष- धन लाभ होगा कार्यों में सफलता मिलेगी स्वास्थ्य का ख्याल रखें.
वृष- बड़ा निवेश करने से बचें धन हानि हो सकती है हर कार्य सोच समझ कर करें.
मिथुन- मन में भय रहेगा, वाहन चलाते समय सावधानी बरतें चोट लग सकती है.
कर्क- पैसे का लेनदेन करते समय सावधान रहें, धन हानि के योग बन रहे है.
सिंह- उन्नति के अवसर मिलेंगे धन लाभ का योग है. यात्रा से बचाव करें.
कन्या- रोग परेशान कर सकते हैं, मन में कई बातों को लेकर भय रहेगा.
तुला- संतान का ख्याल रखें, मन में चिंताएं बढ़ेंगी हर कार्य सावधानी से करें.
वृश्चिक- साधारण लाभ होगा, शत्रुओं से भय रहेगा. अनावश्यक खर्चे बढ़ेंगे.
धनु- जीवनसाथी को परेशानी हो सकती है, स्वास्थ्य का ख्याल रखें.
मकर- रोग परेशान कर सकते हैं, खानपान ठीक रखें , मन में चिंताएं रहेंगी.
कुंभ- खर्चे बढ़ेंगे, कार्यों में देरी होगी, धैर्य रखें. वाद-विवाद से बचें.
मीन- कार्यों में सफलता मिलेगी, धन लाभ हो सकता है.
सूर्य ग्रहण का प्रभाव
भारत के कई क्षेत्रों में वर्षा की कमी की वजह से अकाल जैसी स्थिति बनेगी. भारत, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, चीन जैसे देशों में प्राकृतिक प्रकोप और राजनैतिक निर्णयों की वजह से जनधन की हानि हो सकती है. दुनिया के प्रमुख देशों के बीच तनाव का वातावरण बनेगा युद्ध जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है. भारत में यमुना के किनारे रहने वाले लोगों को कठिन और चुनौतीपूर्ण समय का सामना करना पड़ सकता है.