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धर्म

आधी रात को लगेगा चंद्र ग्रहण, इन राशि वालों पर पड़ेगा बुरा असर

aajtak.in
  • 09 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST
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साल का पहला चंद्र ग्रहण 10 जनवरी को लगने जा रहा है. यह चन्द्र ग्रहण मिथुन राशि और पुनर्वसु नक्षत्र में लगेगा. इस चंद्र ग्रहण की खास बात ये है कि यह ग्रहण भारत में भी दिखाई देगा. भारतीय समय अनुसार, यह ग्रहण 10 जनवरी रात 10:37 से शुरू होकर 11 जनवरी की सुबह 2:45 तक रहेगा. चंद्र ग्रहण का हमारे मन मस्तिष्क पर काफी प्रभाव पड़ता है.

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ग्रहण का प्रभाव एक पक्ष तक यानी 15 दिन तक रहता है. चंद्रमा जल का कारक होने से इस दौरान पृथ्वी पर जलीय आपदा या भूकम्प भी आ सकता है. वहीं बात करें तो सभी राशियों पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव या दुष्प्रभाव अवश्य पड़ेगा.

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मेष

मेष राशि से तृतीय भाव में चंद्र ग्रहण मित्रों और छोटे भाई बहनों से सम्बन्ध खराब करा सकता है इसीलिए गायत्री मन्त्र 108 बार जपें तथा भगवान शिव के नमः शिवाय मंत्र का 3 माला जाप करें.

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वृषभ

इस राशि से दूसरे भाव में चंद्र ग्रहण धन कुटुंब सम्बंधित वाद विवाद करवा सकता है. इसलिए सफेद चीजों का दान करें जैसे सफेद कपड़ा चावल आदि.

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मिथुन

इस बार चंद्र ग्रहण मिथुन राशि में ही लग रहा है. यह चंद्र ग्रहण स्वास्थ्य को लेकर परेशानी करवा सकता है इसलिए कच्चे दूध से रुद्राभिषेक अवश्य करवाएं.

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कर्क

कर्क राशि से बारहवें घर में चंद्र ग्रहण होने से स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है. मन अशांत रहेगा. इस दौरान चंद्रमा के मंत्र का जाप करें. ये मंत्र है 'ॐ सोम सोमाय नमः'.

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सिंह

सिंह राशि के 11वें घर में चंद्र ग्रहण होने से इन राशि के लोगों को धन लाभ ज्यादा हो सकता है. खर्चों को रोकने के लिए दवा का दान करें और 'ऊं नमः शिवाय मंत्र' का जाप करें.

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कन्या

इस राशि में 10वें घर में चंद्र ग्रहण होने से कार्यों में देरी हो सकती है. इसके अलावा नौकरी में बदलाव भी हो सकता है. आपको इस दिन शिवलिंग का कच्चे दूध से अभिषेक करना चाहिए.

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तुला

तुला राशि से नवम भाव में यह चंद्रग्रहण आपके कैरियर में बदलाव ला सकता है. सफेद चीजों के दान के साथ चंद्रमा के मंत्रों का जाप करें और अपनी माता को कोई सफेद चीज उपहार में दें.

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वृश्चिक

राशि से अष्टम भाव में चंद्र ग्रहण हर कार्य मे गड़बड़ी करायेगा. इसकी वजह से आखों की समस्या हो सकती है और भाग्य में रुकावट आ सकता है. चावल की खीर बनाकर शिवलिंग पर अर्पित करें.

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धनु

धनु राशि से सप्तम भाव में यह चंद्रग्रहण दाम्पत्य जीवन मे खराबी करेगा. यह चंद्र ग्रहण व्यापार में नुकसान करायेगा. अचानक कोई दुर्घटना घट सकती है. पंचाक्षरी मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का 11 माला जाप करें.

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मकर

मकर राशि से छठे भाव में यह चंद्र ग्रहण मन मे निराशा और जीवनसाथी से वाद विवाद को बढ़ा सकता है. जीवन साथी के साथ शिवलिंग की पूजा करें और शिवाष्टक का पाठ करें.

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कुंभ

इस राशि से पंचम भाव में यह चंद्रग्रहण पेट के रोग और प्रेम के मामलों में गड़बड़ी करेगा. शिवलिंग पर दाएं हाथ से दूध चढ़ाएं और ॐ नमः शिवाय या नमः शिवाय का जाप करें तथा अपनी माता के चरण स्पर्श करें.

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मीन

मीन राशि से चौथे भाव में चंद्रग्रहण आपकी माता की सेहत खराब करेगा. इससे आपके मन में निराशा आ सकती है. भगवान शिव शंकर की पूजा करें और अपने घर की उत्तर पूरब दिशा को हमेशा साफ रखें.

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इस बार का चंद्र ग्रहण पूर्ण ग्रहण न होकर एक उपच्छाया ग्रहण होगा, जो पूर्ण चंद्र ग्रहण से काफी धुंधला होता है.

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ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, उपछाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण की श्रेणी में नहीं रखा जाता है और यही वजह कि बाकी ग्रहणों की तरह इस चंद्र ग्रहण में सूतक काल नहीं लगेगा.

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सूतक काल ना लगने के कारण ना ही मंदिरों के कपाट बंद किए जाएंगे और ना ही पूजा-पाठ वर्जित होगी. इसलिए इस दिन आप सामान्य दिन की तरह ही सभी काम कर सकते हैं.

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हालांकि, चंद्र ग्रहण के दौरान प्रकृति ज्यादा संवेदनशील हो जाती है. यही कारण है कि इस दौरान पेड़, पौधों और पत्तों को तोड़ना नहीं चाहिए.

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क्या होता है चंद्रग्रहण?
जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो सूर्य की पूरी रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है. इसे चंद्रग्रहण कहते हैं. जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं तो चंद्रग्रहण की स्थिति होती है.

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चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात में ही होता है. एक साल में अधिकतम तीन बार पृथ्वी के उपछाया से चंद्रमा गुजरता है, तभी चंद्रग्रहण लगता है. सूर्यग्रहण की तरह ही चंद्रग्रहण भी आंशिक और पूर्ण हो सकता है.

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भारत समेत तमाम देशों में चंद्र ग्रहण को लेकर तमाम मान्यताएं हैं. विदेशों में इसे वुल्फ मून का भी नाम दिया गया है.

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