Vastu Tips: घर में बार-बार परेशानियां? हो सकता है भूमि दोष, जानिए उपाय और लक्षण

Vastu Tips: भूमि दोष वास्तु शास्त्र का एक प्रमुख दोष है, जो किसी घर या भूमि की ऊर्जा असंतुलन से उत्पन्न होता है. ऐसा माना जाता है कि जिस भूमि पर घर बनाया गया हो, यदि वह अशुद्ध, असंतुलित या नकारात्मक ऊर्जा से बाधित हो, तो वहां रहने वाले लोगों के जीवन में लगातार समस्याएं आती हैं.

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भूमि दोष के लक्षण (AI Generated) भूमि दोष के लक्षण (AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 10:26 AM IST

Bhumi Dosh Upay : वास्तु शास्त्र में कई प्रकार के दोषों का जिक्र मिलता है, जिनका सीधे तौर पर घर के वातावरण, परिवार के स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि और मानसिक शांति पर प्रभाव पड़ता है. इन्हीं में से एक प्रमुख भूमि दोष है. माना जाता है कि जिस स्थान पर घर बनाया जा रहा हो, या जिस जमीन का चयन किया गया हो, यदि वह भूमि किसी तरह से अशुद्ध, असंतुलित या ऊर्जात्मक रूप से बाधित हो, तो उस घर में रहने वाले लोगों के जीवन में लगातार समस्याएं उत्पन्न होती रहती हैं.

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वास्तु शास्त्र में भूमि की तीन अवस्थाएं मानी जाती हैं. जागृत भूमि  सबसे शुभ, प्रगति और सफलता देने वाली मानी जाती है. सुप्त भूमि सामान्य प्रभाव वाली, मध्यम फल देने वाली मानी जाती है. मृत भूमि  अशुभ मानी जाती है, घर में रुकावटें, तनाव और आर्थिक बाधाएं बढ़ाती है. 

भूमि की अवस्था कैसे पता चलती है?
भूमि की प्रकृति का पता जन्म कुंडली देखकर लगाया जाता है. विशेषकर शनि और गुरु (बृहस्पति) के गोचर से भूमि की ऊर्जा प्रभावित होती है. 

मृत भूमि का प्रभाव:
मृत भूमि घर की तरक्की रोकती है, सुख व शांति में बाधा डालती है और बार-बार दिक्कतें पैदा करती है.

भूमि दोष के प्रमुख लक्षण

पालतू पशुओं का बार-बार बीमार पड़ना या असमय मृत्यु होना: जिस घर में भूमि दोष होता है, वहां पालतू जानवरों पर इसका सीधा प्रभाव दिखाई देता है. गाय, कुत्ता, बिल्ली जैसे पालतू पशु अक्सर बिना किसी स्पष्ट कारण के बीमार रहने लगते हैं. कई बार उनकी असमय मृत्यु भी हो जाती है. यह संकेत माना जाता है कि घर की भूमि में नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय है. 

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लगातार अशुभ और दुर्घटनात्मक घटनाएं होना: भूमि दोष का एक प्रमुख संकेत यह भी है कि परिवार के सदस्य किसी न किसी दुर्घटना या अचानक होने वाली अनहोनी का सामना करते रहते हैं. जैसे घर में अचानक आग लग जाना, बार-बार रोड एक्सीडेंट होना, सीढ़ियों से गिर जाना, घर में किसी का अचानक चोटिल हो जाना, किसी न किसी सदस्य का लगातार बीमार रहना. ऐसी घटनाएं बार-बार होना भूमि की ऊर्जा में असंतुलन का संकेत माना जाता है. यह घर में नकारात्मक वातावरण और अस्थिरता को जन्म देता है. 

भूमि दोष का निवारण 

मिट्टी हटवाना : भूमि दोष को दूर करने का सबसे प्रभावी तरीका है भूमि की ऊपरी सतह से डेढ़ से दो फीट मिट्टी निकालना और उसे घर से दूर फेंक देना.  यह उपाय घर बनवाने से पहले किया जाए तो सबसे अच्छे परिणाम मिलते हैं. अगर घर बन जाने के बाद मिट्टी हटानी पड़े तो यह थोड़ा कठिन हो सकता है, लेकिन फिर भी इसे संभव बनाना लाभकारी है. मिट्टी हटाने से भूमि की नकारात्मक ऊर्जा कम होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार बढ़ता है. 

विश्वकर्मा पूजा : भूमि दोष को कम करने और घर में सकारात्मक वातावरण बनाए रखने के लिए हर साल विश्वकर्मा पूजा विधिपूर्वक और शुभ मुहूर्त में कराना चाहिए. यह पूजा वास्तु दोष और भूमि दोष दोनों को दूर करने में सहायक मानी जाती है. पूजा से घर में शांति, सुख-समृद्धि और तरक्की आती है.  यह उपाय विशेष रूप से उन घरों में लाभकारी है जहाँ निर्माण कार्य चल रहा हो या हाल ही में संपत्ति खरीदी गई हो. 

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