Vastu Shastra: कमीशन या इनवेस्टमेंट का करते हैं काम, इस दिशा में बनवाएं घर का प्रवेश द्वार

Vastu Shastra: वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर आपका काम कमीशन, शिक्षा या इनवेस्टमेंट से संबंधित है तो वेस्ट, साउथ–वेस्ट दिशा लाभकारी है. इस दिशा में मुख्य द्वार होना लाभ देता है और यहां टॉयलेट, रसोई, लाल-हरे रंग की चीजें या पौधे न रखें.

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कमीशन और इनवेस्टमेंट से जुड़ी वास्तु टिप्स (Photo: AI Generated) कमीशन और इनवेस्टमेंट से जुड़ी वास्तु टिप्स (Photo: AI Generated)

अंशु पारीक

  • नई दिल्ली,
  • 14 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:39 PM IST

Vastu Shastra: हिंदू धर्म में वास्तु शास्त्र बहुत ही महत्वपूर्ण कहलाता है, जिसके चलते घर और ऑफिस के लिए सही दिशाओं का चयन किया जाता है. कहते हैं कि वास्तु शास्त्र का सही होना घर-जीवन में आर्थिक समृद्धि लाता है. इसके नियमों का पालन करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा और मां लक्ष्मी का भी वास होता है. वहीं, वास्तु शास्त्र में बिजनेस, कमीशन इनवेस्टमेंट से जुड़े नियमों का जिक्र भी मिलता है. इसके मुताबिक, अगर आपका काम कमीशन या इनवेस्टमेंट से जुड़ा है तो वेस्ट या साउथ वेस्ट दिशा आपके लिए सबसे शुभ मानी जाती है. वास्तु शास्त्र के नजरिए से इसके पीछे का कारण जानने की कोशिश करते हैं.

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कमीशन-इनवेस्टमेंट वालों की सही दिशा

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, यदि आपका काम कमीशन, शिक्षा या इनवेस्टमेंट (जैसे- इंश्योरेंस पॉलिसी, ब्याज, शेयर बाजार आदि) से जुड़ा है, तो आपके लिए घर या दफ्तर की वेस्ट या साउथ वेस्ट दिशा अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जाती है. वास्तु के अनुसार, इस दिशा में मुख्य द्वार होना सभी के लिए लाभकारी है, लेकिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए और भी शुभ होता है जिनका कार्य विश्लेषण, निर्णय, कमीशन या निवेश से जुड़ा होता है. 

यदि इस दिशा में मुख्य द्वार बनाना संभव न हो, तो ध्यान रखें कि यहां कोई वास्तु दोष न हो. इस क्षेत्र में टॉयलेट, रसोई या लाल और हरे रंग का प्रयोग नकारात्मक प्रभाव ला सकता है. यहां तक कि पौधों के रूप में भी हरा रंग इस दिशा में रखा जाए तो यह व्यवसाय, नौकरी या प्रोफेशनल रिश्तों में बाधाएं पैदा कर सकता है. इस दिशा में पीला, ऑफ व्हाइट या मिल्की व्हाइट रंग शुभ माना जाता है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है.

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नौकरी-कमीशन की समस्याएं करें दूर

यदि अचानक व्यापार, नौकरी या कमीशन आधारित काम में दिक्कतें आने लगी हों, तो सबसे पहले वेस्ट और साउथ वेस्ट दिशा की जांच अवश्य करें. इसके साथ ही उत्तर दिशा और अग्नि कोण (दक्षिण-पूर्व दिशा) को भी चेक करना जरूरी है, क्योंकि ये दिशाएं अवसरों, सम्पन्नता और सक्रियता का प्रतिनिधित्व करती हैं. शिक्षा, सलाहकार, कमीशन या इनवेस्टमेंट से जुड़े लोगों के लिए प्रतिदिन कुछ समय इस दिशा में बैठना लाभकारी माना जाता है. यह न केवल निर्णय क्षमता को मजबूत करता है, बल्कि काम में स्थिरता और लाभ भी बढ़ाता है. 

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