Paush Month Tulsi Upay: पौष मास हिंदू पंचांग का एक विशेष महीना है. इस मास में भगवान सूर्य और तुलसी की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है. तुलसी की उपासना और सूर्य देव की अराधना से जीवन में स्वास्थ्य, समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा आती है. इस साल पौष मास की कृष्ण पक्ष की सफला एकादशी 15 दिसंबर को है. इसके अलावा पुत्रदा एकादशी 30 दिसंबर को है, दोनों ही दिन मां तुलसी से जुड़े कुछ उपाय बेहद लाभ पहुंचाने वाले माने गए हैं.
एकादशी और तुलसी से जुड़े महत्वपूर्ण उपाय
पौष मास की कृष्ण पक्ष की एकादशी के दिन तुलसी को जल न दें. इस दिन तुलसी को मिट्टी का तिलक करना चाहिए. माता तुलसी की जड़ से थोड़ी सूखी मिट्टी लेकर माथे पर तिलक करने से नेगेटिविटी पॉजिटिविटी में बदल जाती है. ऐसा करने से श्रीहरी प्रसन्न होते हैं और जीवन में खुशहाली आती है. एकादशी का व्रत पूरा होने के बाद, द्वादशी के दिन तुलसी और चावल का दान बहुत शुभ माना जाता है.यदि आपके पास तुलसी का पौधा नहीं है, तो किसी को तुलसी का पौधा दान में देना चाहिए.
दक्षिणा के साथ चावल का दान करना भी बेहद लाभकारी है.
तुलसी को तोड़ते समय किन बातों का ध्यान रखें
पुराणों में स्पष्ट नियम हैं कि तुलसी तोड़ते समय कुछ गलतियां नहीं करनी चाहिए. पूर्णिमा, अमावस्या, सूर्य संक्रांति, पर खासतौर से तुलसी को नहीं तोड़ना चाहिए. दोपहर, संध्या, रात्रि अशुद्ध अवस्था, बिना स्नान किए, तेल लगाकर, रात के कपड़े पहनकर कभी भी तुलसी नहीं तोड़नी चाहिए. इसके अलावा अशुद्ध मन या अशुद्ध स्थान पर तुलसी न तोड़ें. पुराणों में लिखा है कि यदि इन नियमों का पालन नहीं किया गया, श्रीहरी नाराज होते हैं.
इस दिन तुलसी के पौधे के पास गौघृत का दीपक जलाना भी शुभ होता है . इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-शांति बनी रहती है.
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