Shattila Ekadashi 2022: माघ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 28 जनवरी, 2022 को षटतिला एकादशी का व्रत रखा जाएगा. षटतिला एकादशी के दिन विधि-विधान से पूजा और व्रत से भगवान विष्णु प्रसन्न हो जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि इस दिन पूजा में विष्णु जी को तिल का भोग लगाना शुभ माना गया है. षटतिला एकादशी व्रत करने के लिए कुछ नियम हैं, जो एक दिन पहले से शुरू हो जाते हैं. आइये जानते हैं इनके बारे में...
व्रती एक दिन पहले के करें इस नियम का पालन
ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि जो जातक षटतिला एकादशी का व्रत रख रहें हैं, व्रत करने से एक दिन पहले मांसाहार और तामसिक भोजन भूल से भी ना करें. यदि संभव हो तो लहसुन और प्याज का सेवन भी व्रत से एक दिन पहले ही छोड़ दें.
ना करें ये गलतियां
1- षटतिला एकादशी का व्रत करने वाले जातक भूल से भी बैगन और चावल का सेवन इस दिन ना करें.
2- ब्रह्माचर्य का पालन करें. इस दिन संयम रखना जरूरी है.
3- एकादशी को बिस्तर पर नहीं, जमीन पर सोना चाहिए.
4- मांस और नशीली वस्तुओं का सेवन भूलकर ना करें. स्नान के बाद ही कुछ ग्रहण करें.
5- एकादशी के दिन झूठ नहीं बोलें, इससे पाप लगता है. झूठ बोलने से मन दूषित हो जाता है.
6- एकादशी के दिन पान खाना भी वर्जित माना गया है.
7- सुबह दातून करना वर्जित है. इस दिन किसी पेड़-पत्ती की फूल-पत्ती तोड़ना वर्जित है.
करें ये काम
1- षटतिला एकादशी के दिन तिल का हवन और तिल का दान करने से विशेष लाभ मिलता है.
2- इस दिन भगवान श्री हरि विष्णु को तिल का भोग लगाना शुभ माना जाता है.
3- षटतिला एकादशी व्रत कथा का श्रवण करना भी शुभ माना जाता है.
4- षटतिला एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को व्रत वाले दिन तिल का उबटन लगाना चाहिए और पानी में तिल डालकर स्नान करना चाहिए.
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