Shani Sadhe Sati 2026: नए साल 2026 में शनि किसी भी राशि में गोचर नहीं करेंगे. जुलाई 2026 में शनि केवल मार्गी से वक्री अवस्था में आएंगे. यही कारण है कि 2025 की तरह ही 2026 में भी मेष, कुंभ और मीन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव जारी रहेगा. इसे लेकर ज्योतिषाचार्य डॉ. अरुणेश कुमार शर्मा ने इन राशि के जातकों को आगाह किया है. 2026 में साढ़ेसाती के चलते इन राशियों पर मानसिक दबाव, आर्थिक चुनौतियों और करियर संबंधित बाधाओं का दौर रहेगा.
मेष राशि
मेष जातक 2026 में साढ़ेसाती के तीसरे और अंतिम चरण से गुजरेंगे. इस समय नौकरी और व्यापार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन संभव हैं, जो अधिक अनुकूल नहीं माने जाते हैं. ऐसे में धन हानि संभव है. कर्जों से परेशान हो सकते हैं. पारिवारिक मामलों में मतभेद बढ़ सकते हैं. स्वास्थ्य के मोर्चे पर उतार-चढ़ाव बने रहने की आशंका है. कोई पुरानी समस्या दोबारा उभर सकती है.
उपाय: रोजाना हनुमान जी की आराधना करें. शनिवार के दिन शनि मंदिर में सरसों के तेल का दीप प्रज्वलित करना शुभ रहेगा.
कुंभ राशि
कुंभ राशि के लोगों पर शनि की साढ़ेसाती का अंतिम चरण पहले से ही चल रहा है, जो 2026 में भी यथावत रहेगा. इस समय कार्यस्थल पर मानसिक थकान, आर्थिक नुकसान और शारीरिक असुविधाएं हो सकती हैं. शनि का प्रभाव आपको धैर्य की परीक्षा में डाल सकता है. पैसों का लेन-देन किसी बड़े विवाद की वजह बन सकता है. खर्चे बढ़त पर रहेंगे. धन जोड़ना आसान नहीं होगा.
उपाय: हर माह किसी भी शनिवार को तेल दान या काले तिल का दान करना राहत प्रदान कर सकता है.
मीन राशि
मीन राशि के जातक 2026 में साढ़ेसाती के मध्य चरण में रहेंगे, जिसे सबसे चुनौतीपूर्ण माना जाता है. इस अवधि में पैसों का नुकसान, करियर में बाधाएं और निजी संबंधों में तनाव जैसी स्थितियां सामने आ सकती हैं. किसी कीमती चीज के खोने से मन कई महीनों तक परेशान रह सकता है. पैसा हाथ आते ही खर्च होने का संकट रहेगा. कोई करीबी रिश्तेदार या दोस्त आपकी गाढ़ी कमाई डुबा सकता है. पैसों के लेन-देन में लोगों पर आंख बंद करके भरोसा न करें.
उपाय: शनिवार को पीपल के वृक्ष की पूजा करें तथा शनि स्तोत्र का पाठ करें. इसके बाद ज़रूरतमंदों को काले वस्त्र और अनाज का दान अवश्य दें.
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