शनिदेव इन राशियों पर रहते हैं सबसे ज्यादा मेहरबान, हमेशा बनते हैं धनवान

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है. जहां हर ग्रह ढाई महीने में या 45 दिन में अपनी चाल बदल लेता है. वहीं शनि ढाई वर्ष में अपनी चाल बदलते हैं. वैदिक ज्योतिष के मुताबिक शनि न्यायाधीश देवता हैं.

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शनिदेव इन राशियों पर रहते हैं सबसे ज्यादा मेहरबान शनिदेव इन राशियों पर रहते हैं सबसे ज्यादा मेहरबान

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 8:33 AM IST

Shanidev: सच्चे लोगों पर शनि हमेशा कृपा बरसाते हैं. अच्छे कर्म वाले लोगों पर भी शनि की कृपा हमेशा बनी रहती है. कहते हैं कि जीवन के शुभ और अशुभ कर्मों का हिसाब शनि ही रखते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, शनि सबसे धीमी गति से चलने वाला ग्रह है. जहां हर ग्रह ढाई महीने में या 45 दिन में अपनी चाल बदल लेता है. वहीं शनि ढाई वर्ष में अपनी चाल बदलते हैं. वैदिक ज्योतिष के मुताबिक शनि न्यायाधीश देवता हैं. कुंडली में शनि की स्थिति से ही धन की स्थिति तय होती है. शनि के प्रभाव से व्यक्ति राजा से रंक हो जाता है. शनि को फल और कर्म दोनों का कारक माना जाता है. तो चलिए जानते हैं शनि किन राशि वाले लोगों पर मेहरबान रहते हैं.

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मेष- इस राशि के लिए शनि करियर का स्वामी होता है. शनि के कारण करियर के सुख में बाधा आ सकती है. शनि के कारण ही यहां बेहतरीन करियर का सुख मिल सकता है. एक लोहे का छल्ला धारण करना लाभकारी होगा.

वृष- इस राशि के लिए शनि भाग्य का स्वामी होता है. शनि कारण इनको हर तरह का सुख मिल सकता है. अन्यथा भाग्य कभी भी साथ नहीं देता. शनि मंत्र का जाप करना लाभकारी होगा.

मिथुन- शनि यहां जीवन और आयु के सुख को नियंत्रित करता है. शनि के अच्छा होने से सुख मिले न मिले. शनि के खराब होने से शरीर का सुख नहीं मिलता. शनिवार को अन्न का दान लाभकारी होता है.

कर्क- यहां वैवाहिक सुख और सहयोग शनि से ही प्राप्त होता है. शनि के बेहतर होने से वैवाहिक जीवन बेहतर होता है. जीवन में सहयोग के लिए लोग मिल जाते हैं. अन्यथा वैवाहिक जीवन दुःख का कारण बन जाता है. शनि स्तोत्र का पाठ करना लाभकारी होता है.

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सिंह- यहां शनि के कारण नौकरी का सुख मिल जाता है. अन्यथा व्यक्ति चाहकर भी नौकरी नहीं कर सकता. यहां कि जीवन में सहयोग का सुख भी नहीं मिलता. नौकरी का सुख पाने के लिए पीपल के नीचे दीपक जलाना शुभ होता है.

कन्या- यहां शनि संतान सुख को प्रभावित करता है. शनि के गड़बड़ होने पर संतान सुख नहीं मिलता. कभी कभी संतान हो जाने के बाद भी समस्याएं चलती रहती हैं. संतान सुख को ठीक करने के लिए शिव जी की उपासना लाभकारी होती है.

तुला- यहां शनि जीवन के हर क्षेत्र को प्रभावित करता है. किसी भी तरह का सुख शनि के बिना मिल ही नहीं सकता. शनि का ख़राब होना यहां जीवन को नरक बना देता है. प्रातः और सायं शनि मंत्र का जाप सुखकारक होता है.

वृश्चिक- यहां शनि परिवार,विशेषकर भाई बहन, के सुख को प्रभावित करता है. शनि के गड़बड़ होने पर परिवार से पीड़ा मिलती है. भाई बहन को लेकर समस्याएं बनी रहती हैं. हनुमान जी की उपासना से लाभ होता है.

धनु- यहां शनि आर्थिक स्थिति और पारिवारिक पृष्ठभूमि से सम्बन्ध रखता है. शनि के गड़बड़ होने से मजबूत आर्थिक स्थिति का सुख नहीं मिलता. व्यक्ति को बहुत छोटे स्तर से जीवन की शुरुआत करनी पड़ती है. शनिवार को दान करने से लाभ होता है

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मकर- शनि यहां जीवन को और निर्णयों को प्रभावित करता है. इसके कारण व्यक्ति समय और अवसर का सही उपयोग कर पाता है. कठिन से कठिन स्थिति में भी सुख के रास्ते खोज लेता है. अन्यथा पूरा जीवन संघर्ष में ही बीत जाता है. हनुमान जी की उपासना से लाभ होता है.

कुंभ- यहां शनि व्यक्तित्व और आध्यात्म से सम्बन्ध रखता है. शनि के कारण व्यक्ति का व्यक्तित्व अद्भुत होता है. साथ ही व्यक्ति आध्यात्मिक सुख पाता है. अन्यथा व्यक्ति कुमार्ग और नशे का शिकार हो जाता है. नियमित रूप से ध्यान और पूजा उपासना से लाभ मिलता है.

मीन- यहां शनि नियमित रूप से धन देता है. साथ ही व्यक्ति के वैवाहिक सुख को नियंत्रित करता है. इसके गड़बड़ होने पर व्यक्ति धन का सुख नहीं पाता. साथ ही वैवाहिक जीवन का सुख पूर्ण नहीं होता. पीपल के नीचे दीपदान से लाभ होता है.

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