Ratha Saptami 2023: रथ सप्तमी आज, जानें मुहूर्त, पूजन विधि और उपाय

रथ सप्तमी  के दिन सूर्य के सातों घोड़े उनके रथ को वहन करना प्रारंभ करते हैं. रथ सप्तमी के दिन भगवान सूर्यनारायण की विशेष पूजा-अर्चना से उत्तम स्वास्थ्य की प्राप्ति होती है. रथ सप्तमी पर जन्म कुंडली के पीड़ित सूर्य की पूजा अर्चना करके बलवान किया जा सकता है. रथ सप्तमी पर भगवान सूर्यनारायण की प्रिय धातु तांबे से बने छल्ले को गंगाजल से शुद्ध करके अनामिका उंगली में धारण किया जाता है.

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रथ सप्तमी 2023 रथ सप्तमी 2023

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:23 AM IST

माघ मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी का त्योहार मनाया जाता है. रथ सप्तमी के दिन भगवान सूर्य की पूजा की जाती है.  इसे माघ सप्तमी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन को कश्यप ऋषि और अदिति के संयोग से भगवान सूर्य का जन्म हुआ था इसलिए इस दिन को सूर्य की जन्मतिथि भी कहा जाता है. रथ सप्तमी के दिन दान पुण्य करना काफी शुभ माना जाता है. इस दिन व्रत रखने से व्यक्ति को सभी तरह के पापों से छुटकारा मिलता है. इसी दिन से सूर्य के सातों घोड़े उनके रथ को वहन करना प्रारंभ करते हैं ,इसलिए इसको रथ सप्तमी भी कहते हैं. इस बार सूर्य की रथ सप्तमी  28 जनवरी 2023 यानी आज है.

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रथ सप्तमी मूहूर्त (Ratha Saptami 2023 Shubh Muhurat)

रथ सप्तमी शनिवार, जनवरी 28, 2023 को

रथ सप्तमी के दिन स्नान मूहूर्त - सुबह 05 बजकर 25 मिनट से  सुबह 07 बजकर 11 मिनट तक

सप्तमी तिथि प्रारम्भ - जनवरी 27, 2023 को सुबह 09 बजकर 10 मिनट से शुरू
सप्तमी तिथि समाप्त - जनवरी 28, 2023 को सुबह  08 बजकर 43 मिनट पर खत्म

रथ सप्तमी के दिन अरुणोदय - सुबह 06 बजकर 46 मिनट पर
रथ सप्तमी के दिन अवलोकनीय सूर्योदय - सुबह 07 बजकर 11 मिनट पर

रथ सप्तमी पूजा विधि (Ratha Saptami Puja Vidhi)

प्रातः स्नान करें तथा सूर्य, और पितृ पुरुषों को जल अर्पित करें. घर के बाहर या मध्य में सात रंगों की रंगोली (चौक) बनाएं. मध्य में चार मुख वाला दीपक रक्खें ,चारों मुखों को प्रज्ज्वलित करें. लाल पुष्प और शुद्ध मीठा पदार्थ अर्पित करें.  गायत्री मंत्र या सूर्य के बीज मंत्र का जाप करें. जाप के बाद गेहूं,गुड,तिल,ताम्बे का बर्तन तथा लाल वस्त्र दान करें. इसके बाद घर के प्रमुख के साथ साथ सभी लोग भोजन ग्रहण करें. 

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रथ सप्तमी उपाय (Ratha Saptami Upay)

इस दिन घर की पूर्व दिशा को साफ करके वहां पर एक दीपक जलाएं और गायत्री मंत्र का 27 बार जाप करें. 

कुश के आसन पर बैठकर आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें और पाठ के बाद अपने पिता या पिता की उम्र के समान व्यक्ति के चरण स्पर्श करें.

रथ सप्तमी के दिन घर पर कुछ मीठा भोजदन बनाकर नेत्रहीन लोगों को खिलाएं.

इस दिन जरूरतमंद लोगों को गेहूं, गुड़, तांबे के बर्तन और लाल कपड़े दान करें. 

किन्हें रखना चाहिए रथ सप्तमी का व्रत

जिन लोगों को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही हो.

जो लोग आध्यात्मिक उन्नति नहीं कर पा रहे हों.

जिन लोगों की कुंडली में सूर्य नीच राशी का हो ,शत्रु क्षेत्री हो ,या कमजोर हो. 

जिन लोगो का स्वास्थ्य लगातार खराब रहता हो.  

 

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