प्रेमानंद महाराज वृंदावन के राधाभक्त संत और गुरु हैं, जो लोगों का आध्यात्मिक मार्गदर्शन करते हैं. प्रेमानंद महाराज एक आध्यात्मिक गुरु के रूप में अपने अनुयायियों को जीवन के सच्चे उद्देश्य, भक्ति और साधना के महत्व के बारे में समझाते हैं. लोग उनके पास अपने सवालों के जवाब लेने आते हैं. एकाांतिक वार्तालाप में प्रेमानंद महाराज के पास लोग जब पहुंचते हैं तो वे उनके सवाल का हल देते हैं. कुछ समय पहले प्रेमानंद महाराज ने मोबाइल चलाने की गलतियों के बारे में भी बताया था जिसे हर किसी को ध्यान रखना चाहिए.
कौन सी गलती करने से बचें
प्रेमानंद महाराज ने वीडियो में बताया, 'झूठे हाथ से या शौच के हाथ से मोबाइल नहीं छूना चाहिए क्योंकि जब हम किसी पवित्र जगह जाएंगे, मंदिर जाएंगे तो मोबाइल हमारी जेब में रहेगा और कोई बात हुई तो उसे छू भी सकते हैं.'
'मोबाइल ऐसी चीज है जो हमेशा साथ में रहता है. कुछ लोग हैं जो शौच में भी मोबाइल ले जाते हैं. तो ऐसे में आप उसे न ले जाएं. इतनी देर तो कम से कम चैन से रह लो. अब भोजन पाया तो नाम जपते हुए पाओ और हाथ धोए, आसवन किया फिर मोबाइल उठा लो. अगर कहीं उस समय भोजन के समय कोई इमरजेंसी फोन आए तो बायां हाथ पवित्र रखा जाता है इसलिए मोबाइल बाएं हाथ से उठा के बातचीत कर लो.'
प्रेमानंद महाराज के बारे में ये भी जानें
प्रेमानंद जी महाराज का असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे था. उनका जन्म उत्तर प्रदेश के कानपुर ज़िले के सरसोल गांव में हुआ था. उनकी अभी दोनों किडनियां फेल हैं. वह अभी वृंदावन में रहते हैं और रात में 2 बजे अपने निवास से राधाकेलीकुंज आश्रम तक पैदल आते हैं. उनके स्वागत में हजारों लोग रात भर खड़े रहते हैं.
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