Pradosh Vrat 2025: हिंदू धर्म में हर माह की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है. यह दिन भगवान शिव को समर्पित है. प्रदोष व्रत जब सोमवार के दिन पड़ता है तो इसे सोम प्रदोष व्रत कहा जाता है. कार्तिक सोम प्रदोष व्रत की महिमा विशेष है. कहते हैं कि इस दिन भगवान शिव की विधिवत उपासना से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और जीवन के सारे संकट दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं कि कार्तिक माह का सोम प्रदोष व्रत किस दिन होगा.
कब है कार्तिक माह का सोम प्रदोष व्रत?
द्रिक पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी तिथि 3 नवंबर को सुबह 10 बजकर 37 मिनट से लेकर 4 नवंबर को सुबह 7 बजकर 35 मिनट तक रहने वाली है. ऐसे में कार्तिक माह का सोम प्रदोष व्रत 3 नवंबर को रखा जाएगा.
पूजा का शुभ मुहूर्त
प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव की पूजा शाम के वक्त प्रदोष काल में करना उत्तम और कल्याणकारी माना गया है. 3 अक्टूबर को प्रदोष व्रत की पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 7 बजकर 25 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 30 मिनट तक रहने वाला है.
सोम प्रदोष व्रत की पूजन विधि
कार्तिक माह के सोम प्रदोष व्रत के दिन सवेरे जल्दी उठकर स्नान करें और साफ-सुथरे वस्त्र धारण करें. इसके बाद भगवान शिव का स्मरण करके व्रत का संकल्प लें. यह व्रत जलाहार या फलाहार रखा जा सकता है. प्रदोष व्रत में पूरे दिन भगवान शिव की स्तुति करें. फिर शाम को प्रदोष काल में भगवान शिव की संयुक्त परिवार उपासना करें. शिवलिंग का जलाभिषेक करें. शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, भांग, फूल, फूल, चंदन, धूप, दीप और नैवेद्य आदि अर्पित करें. इसके बाद वहीं बैठकर शिव चालीसा का पाठ करें और महादेव के मंत्रों का जाप करें.
इन चीजों का करें दान
सोम प्रदोष व्रत के दिन कुछ खास चीजों का दान करना बहुत उत्तम माना जाता है. इस दिन आप आप दूध, दही, घी, चीनी, फल या गेहूं, दाल, चावल, चीनी आदि का दान कर सकते हैं. इसके अलावा, आप गरीब और जरूरतमंदों को वस्त्रों का दान कर सकते हैं. सामर्थ्य के अनुसार धन का दान भी किया जा सकता है.
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