Paush Putrada Ekadashi 2025: 30 या 31 दिसंबर कब है साल की आखिरी पुत्रदा एकादशी का व्रत, नोट करें पारण का समय

Paush Putrada Ekadashi 2025:धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो दंपत्ति संतान की इच्छा रखते हैं या अपनी संतान के अच्छे भविष्य की कामना करते हैं, उन्हें पुत्रदा एकादशी का व्रत अवश्य करना चाहिए. इस दिन व्रत रखने से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है.

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नए साल की शुरुआत पुत्रदा एकादशी के साथ हो रही है. नए साल की शुरुआत पुत्रदा एकादशी के साथ हो रही है.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:30 AM IST

Paush Putrada Ekadashi 2026: हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को बहुत ही पवित्र और फलदायी माना गया है. हर महीने कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में एक-एक एकादशी आती है और प्रत्येक एकादशी का अपना अलग धार्मिक महत्व होता है. पौष महीने के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है. इस व्रत को संतान सुख की कामना के लिए विशेष रूप से किया जाता है. खास बात यह है कि साल 2025 का अंत और नए साल 2026 की शुरुआत इसी शुभ व्रत के साथ हो रही है.

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इस बार पौष पुत्रदा एकादशी को लेकर लोगों के मन में भ्रम की स्थिति बनी हुई है कि व्रत 30 दिसंबर को रखा जाए या 31 दिसंबर को. साथ ही, पारण के सही समय को लेकर भी लोग जानना चाहते हैं. आइए जानते हैं पौष पुत्रदा एकादशी की सही तिथि, शुभ मुहूर्त और पारण का समय.

पौष पुत्रदा एकादशी व्रत की तिथि

दृक पंचांग के अनुसार, पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 30 दिसंबर को सुबह 7 बजकर 51 मिनट से शुरू होगी और 31 दिसंबर को सुबह 5 बजे समाप्त होगी. ऐसे में यह एकादशी दो दिनों में पड़ रही है. परंपरागत रूप से गृहस्थ लोगों के लिए 30 दिसंबर को व्रत रखना उचित माना गया है, जबकि वैष्णव संप्रदाय के लोग 31 दिसंबर को पौष पुत्रदा एकादशी का व्रत रखेंगे.

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पौष पुत्रदा एकादशी का पारण समय

यदि आप 30 दिसंबर को व्रत रखते हैं, तो पारण 31 दिसंबर को दोपहर 1 बजकर 26 मिनट तक किया जा सकता है. वहीं, जो भक्त 31 दिसंबर को एकादशी व्रत करेंगे, वे 1 जनवरी 2026 को सुबह 7 बजकर 14 मिनट से लेकर 9 बजकर 18 मिनट के बीच पारण कर सकते हैं.

पुत्रदा एकादशी के उपाय

नए साल की शुरुआत पुत्रदा एकादशी के साथ हो रही है, इसलिए यह समय बेहद शुभ माना जा रहा है. इस दिन प्रातः स्नान के बाद भगवान विष्णु के सहस्रनाम का पाठ करें. पीले रंग की वस्तुओं का दान करना लाभकारी रहेगा. साथ ही दीपदान करने से घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

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