हिंदू धर्म के अनुसार पौष माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को पौष पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है. इस दिन चंद्रमा अपने पूरे आकार में होता है. हिंदू धर्म में पौष पूर्णिमा का काफी ज्यादा महत्व होता है. इस दिन स्नान,दान और जप भी किया जाता है और सूर्यदेव को अर्घ्य भी दिया जाता है. मां लक्ष्मी को पूर्णिमा का दिन काफी प्रिय होता है. पूर्णिमा तिथि का स्वामी चंद्रमा को माना जाता है. इस दिन चंद्रदेव की पूजा करने से मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है. माना जाता है कि पूर्णिमा के दिन कुछ खास उपाय करने से व्यक्ति के जीवन के सभी दुख, संकट दूर हो जाते हैं. आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में -
पौष पूर्णिमा के उपाय (Paush Purnima Upay)
जिस भी व्यक्ति को जीवन में धन सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ता है उन्हें पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चन्द्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर "ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमासे नम:" या " ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:. " मन्त्र का जप करते हुए अर्ध्य देना चाहिए. इससे आर्थिक समस्या खत्म होती है.
पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी के चित्र पर 11 कौड़ियां चढ़ाकर उन पर हल्दी से तिलक करें. अगले दिन सुबह इन कौड़ियों को लाल कपड़े में बांधकर अपनी तिजोरी में रखें. इस उपाय से घर में धन की कोई भी कमी नहीं होती है. इसके बाद हर पूर्णिमा के दिन इन कौड़ियों को अपनी तिजोरी से निकाल कर लक्ष्मी जी के सामने रखकर उन पर हल्दी से तिलक करें फिर अगले दिन उन्हें लाल कपड़े में बांध कर अपनी तिजोरी में रखें. आप पर माँ लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी.
हर पूर्णिमा के दिन मंदिर में जाकर लक्ष्मी को इत्र और सुगन्धित अगरबत्ती अर्पण करनी चाहिए. धन, सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की देवी माँ लक्ष्मी से अपने घर में निवास करने की प्रार्थना करें.
पूर्णिमा की रात में 15 से 20 मिनट तक चन्द्रमा को लगातार देखें इससे नेत्रों की ज्योति तेज होती है. साथ में पूर्णिमा की रात में चन्द्रमा की रोशनी में सुई में धागा पिरोने का अभ्यास करने से नेत्र ज्योति बढ़ती है.
पूर्णिमा के दिन पीपल के पेड़ पर जल अर्पित करें. मिठाई का भोग लगाएं . माना जाता है कि ऐसा करने से वैवाहिक जीवन अच्छा बीतता है और धन लाभ के योग बनते हैं.
पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा की चाँदनी हमारे शरीर के लिए बहुत लाभदायक है. अगर पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा का प्रकाश गर्भवती महिला की नाभि पर पड़े तो गर्भ स्वस्थ होता है गर्भवती स्त्रियों को तो जरूर कुछ देर चन्द्रमा की चाँदनी में रहना चाहिए.
कहा जाता है कि हर पूर्णिमा के दिन पीपल के वृक्ष पर मां लक्ष्मी का आगमन होता है. आप सुबह उठकर पीपल के पेड़ के सामने कुछ मीठा चढ़ाकर जल अर्पित करें.
पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी को खीर का भोग लगाना और अष्टलक्ष्मी स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. इससे घर में सुख-शांति आती है.
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