Maha Shivratri 2022: महाशिवरात्रि कब है? जानें तिथि, पूजा विधि और 4 पहर की पूजा का सही समय

Maha Shivratri 2022: भगवान शिव की आराधना के लिए महाशिवरात्रि को विशेष माना गया है.शिवरात्रि के मुख्य पर्व साल में दो बार व्यापक रुप से मनाया जाता है. एक फाल्गुन के महीने में तो दूसरा श्रावण मास में. फाल्गुन के महीने की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है. महाशिवरात्रि के दिन लोग व्रत रखते हैं और पूरे विधि विधान से शंकर भगवान की पूजा करते हैं.

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भगवान शिव भगवान शिव

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 10 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:44 PM IST
  • महाशिवरात्रि पर होती है चार पहर की पूजा
  • शिव जी करते हैं हर मनोकामना पूरी

Maha Shivratri 2022: भगवान शिव का दिन महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है. फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को ये पर्व मनाया जाता है. इस बार महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा 1 मार्च,2022 दिन मंगलवार को होगी. मान्यता है कि इस दिन पूजा-आराधना से माता पार्वती और भोले बाबा अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं. आइये जानते हैं  महाशिवरात्रि का महत्व व पूजा का शुभ मुहूर्त...

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महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त (Maha Shivratri Puja Shubh Muhurat)
1 मार्च को ये शिवरात्रि सुबह 3 बजकर 16 मिनट से शुरू होकर बुधवार 2 मार्च को सुबह 10 तक रहेगी. रात्रि की पूजा शाम को 6 बजकर 22 मिनट से शुरू होकर रात 12 बजकर 33 मिनट तक होगी. शिवरात्रि में जो रात का समय होता है उसमें चार पहर की पूजा होती है.

महाशिवरात्रि चार पहर की पूजा का समय (Mahashivratri 2022 Char Pahar Puja Timings)
1:  पहले पहर की पूजा- 1 मार्च, 2022 शाम 6:21 मिनट से रात्रि 9:27 मिनट तक. 
2: दूसरे पहर की पूजा- 1 मार्च रात्रि 9:27 मिनट से 12: 33 मिनट तक. 
3: तीसरे पहर की पूजा- 1 मार्च रात्रि 12:33 मिनट से सुबह 3 :39 मिनट तक. 
4: चौथे प्रहर की पूजा- 2 मार्च सुबह 3:39 मिनट से 6:45 मिनट तक. 
व्रत पारण का शुभ समय- 2 मार्च, 2022 दिन बुधवार को 6 बजकर 46 मिनट तक रहेगा.

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महाशिवरात्रि की पूजा विधि (Maha Shivratri 2022 Puja Vidhi)
1- शिव रात्रि को भगवान शंकर को पंचामृत से स्नान करा कराएं. केसर के 8 लोटे जल चढ़ाएं. पूरी रात्रि का दीपक जलाएं. चंदन का तिलक लगाएं.
2- तीन बेलपत्र, भांग धतूर, तुलसी, जायफल, कमल गट्टे, फल, मिष्ठान, मीठा पान, इत्र व दक्षिणा चढ़ाएं. सबसे बाद में केसर युक्त खीर का भोग लगा कर प्रसाद बांटें.
3 - पूजा में सभी उपचार चढ़ाते हुए ॐ नमो भगवते रूद्राय, ॐ नमः शिवाय रूद्राय् शम्भवाय् भवानीपतये नमो नमः मंत्र का जाप करें.

 

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