Kalawa Vastu Upay: इन जगहों पर कलावा बांधते ही खत्म हो जाएंगे घर के सभी वास्तु दोष! जानें नियम

Kalawa Vastu Upay: मान्यता है कि घर में कुछ खास जगहों पर कलावा बांधने से सुख-समृद्धि बढ़ती है और जीवन की कई परेशानियां अपने आप दूर होने लगती हैं. कलावा एक मंगलऔर शुभ धागा माना जाता है, जिसे रक्षा सूत्र भी कहते हैं.

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कलावा वास्तु उपाय. (Photo: Pixabay) कलावा वास्तु उपाय. (Photo: Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:15 PM IST

Kalawa Vastu Upay: घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहे, इसके लिए घर का वास्तु दोषों से मुक्त होना बेहद जरूरी माना जाता है. इसलिए लोग इन दोषों को दूर करने के लिए कई तरह के वास्तु उपाय भी करते हैं. इन्हीं उपायों में से एक उपाय है, घर में कलावा बांधना. कलावा, जिसे मौली या रक्षा सूत्र भी कहा जाता है,  यह शुभता और सुरक्षा का प्रतीक है. लेकिन कई बार अनजाने में गलत जगह पर कलावा बांध देने से घर में परेशानियां बढ़ जाती हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी हो जाता है कि कलावा घर में कौन सी दिशा और कौन सी जगह पर बांधना चाहिए. 

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किन स्थानों पर बांध सकते हैं कलावा?

मुख्य द्वार पर : घर का मुख्य द्वार सकारात्मक ऊर्जा का केन्द्र माना जाता है, और कलावा एक शुद्ध धागा माना जाता है. इसलिए घर की चौखट पर इसे बांधा जाए तो यह रक्षा कवच का काम करता है. यह धागा नकारात्मक शक्तियों को घर में प्रवेश करने से रोकता है. 

तिजोरी : तिजोरी या धन वाले स्थान पर कलावा बांधने से  देवी लक्ष्मी का आगमन होता है. घर की तिजोरी, कैश बॉक्स, या उस अलमारी के हैंडल पर कलावा बांधें . यह धन की वृद्धि करता है. 

पूजा के कलश में: पूजा में स्थापित कलश में इसे सभी देवी-देवताओं, पवित्र नदियों, ऊर्जा और समृद्धि का निवास समझा जाता है. कलश में भरा हुआ जल जीवन, पवित्रता और समृद्धि का प्रतीक है. इसी कारण, पूजा के समय कलश के मुख पर कलावा बांधना शुभ माना जाता है. यह माना जाता है कि कलावा कलश की दिव्यता को बढ़ा देता है. 

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तुलसी के पास : तुलसी घर में सकारात्मक ऊर्जा, शुद्धता और आरोग्य का स्रोत मानी जाती है. तुलसी के पास कलावा बांधना तुलसी के पास की नकारात्मक ऊर्जा का असर कम होता है और सकारात्मक बढ़ती है. 

कलावा बांधते समय इन बातों का रखें ध्यान 

कलावा बांधने से पहले अपने हाथ धोएं. साफ -सफाई का खास ध्यान रखें. अगर संभव हो, पूजा के दौरान या मंत्रोच्चारण के समय कलावा को स्पर्श कर लें, इससे वह अधिक शुभ माना जाता है. मुख्य द्वार पर कलावा बांधते समय पूर्व या उत्तर की ओर मुख करना शुभ माना जाता है. तुलसी के पास कलावा बांधते समय पूर्व दिशा की ओर मुख रखना बेहतर है. 

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