Kalashtami 2025: साल की अंतिम कालाष्टमी बेहद खास, कालसर्प दोष और शनि के प्रकोप से मुक्ति के लिए करें ये उपाय

Kalashtami 2025:कालाष्टमी हिंदू धर्म में हर महीने आने वाला एक महत्वपूर्ण धार्मिक दिन है. यह कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है .भगवान शिव के उग्र और रक्षक स्वरूप भगवान काल भैरव को समर्पित होती है.

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भगवान शिव के रक्षक रूप हैं काल भैरव. (Photo: Pixabay) भगवान शिव के रक्षक रूप हैं काल भैरव. (Photo: Pixabay)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:56 AM IST

Kalashtami 2025: हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी को कालाष्टमी मनाई जाती है. इस दिन भगवान शिव के रक्षक रूप काल भैरव की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इस दिन काल भैरव की पूजा करने से डर दूर होता है, बाधाएं खत्म होती हैं, साथ ही हिम्मत और सुरक्षा बढ़ती है. इस बार की कालाष्टमी खास है, क्योंकि यह साल 2025 की अंतिम कालाष्टमी है. इस दिन कुछ खास उपाय करने से कई तरह की मुश्किलों से छुटकारा मिल सकता है. जानते हैं साल 2025 की अंतिम कालाष्टमी कब है, और इस दिन क्या उपाय करने से लाभ मिलेगा. 

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कब है कालाष्टमी

दिसंबर में अष्टमी तिथि की शुरुआत 11 दिसंबर 2025, गुरुवार दोपहर 01:57 बजे होगी, इसका समापन  12 दिसंबर 2025, शुक्रवार सुबह 02:56 बजे होगा. इसलिए, 2025 की आखिरी कालाष्टमी और कालभैरव जयंती 11 दिसंबर 2025, गुरुवार को मनाई जाएगी. 


कालाष्टमी पर जरूर करें इन मंत्रों का जाप

ओम शिवगणाय विद्महे गौरीसुताय धीमहि तन्नो भैरव प्रचोदयात।।
ओम कालभैरवाय नम:
ओम भ्रां कालभैरवाय फट्
धर्मध्वजं शङ्कररूपमेकं शरण्यमित्थं भुवनेषु सिद्धम्। द्विजेन्द्र पूज्यं विमलं त्रिनेत्रं श्री भैरवं तं शरणं प्रपद्ये।।

कालभैरव जयंती पर करने योग्य उपाय कौन-कौन से है?

अगर किसी व्यक्ति को भूत-प्रेत, टोने-टोटके या किसी भी तरह की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव महसूस हो रहा हो, तो काल भैरव की आराधना विशेष रूप से लाभ देती है. शास्त्रों में कहा गया है कि ऐसे समय में रात के समय “भैरव अष्टक” का पाठ करना बेहद प्रभावी होता है. इसके साथ ही सरसों के तेल का दीपक जलाने से घर और मन दोनों की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है .

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अगर किसी की कुंडली में कालसर्प दोष, पितृदोष, या शनि से संबंधित कोई कष्ट हो, तो उसे भगवान काल भैरव के मंदिर में नींबू चढ़ाने की सलाह दी जाती है. साथ ही, “ॐ ह्रीं कालभैरवाय नमः” मंत्र का 108 बार जप करने से ग्रहों का दुष्प्रभाव कम होता है .

धन और संपत्ति से जुड़ी समस्याएं हों, आय स्थिर न हो या बार-बार आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा हो, तो मंगलवार और शनिवार के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाना अत्यंत शुभ माना गया है.

यदि किसी व्यक्ति को लगातार डर, चिंता, तनाव या अनिद्रा की समस्या बनी रहती हो, तो घर की दक्षिण दिशा में भैरव यंत्र स्थापित करना लाभदायक माना जाता है. इस यंत्र की प्रतिदिन विधि-विधान से पूजा करने से मानसिक शांति मिलती है, भय दूर होता है और मन में एक स्थिरता आने लगती है.

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