Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी पर क्या है रात की पूजा का मुहूर्त? इस विधि से करें गणपति की उपासना

Ganesh Chaturthi 2025: गणेश चतुर्थी का पर्व को हर साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाई जाती है. इस साल यह त्योहार 27 अगस्त यानी आज मनाया जा रहा है. इस दिन लोग अपने घरों में भगवान गणेश की प्रतिमा की स्थापना करते हैं और विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करते हैं.

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गणेश चतुर्थी पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है (Photo Credit: PTI) गणेश चतुर्थी पूरे देश में बड़े धूमधाम से मनाई जाती है (Photo Credit: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 27 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 6:05 PM IST

Ganesh Chaturthi 2025: आज से गणेशोत्सव की शुरुआत हो गई है. यह त्योहार पूरे देश में बड़ी ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है. इस दिन सुबह से ही घरों में गणेश भगवान की स्थापना और पूजा-अर्चना शुरू हो जाती है. गणेश भगवान को उनकी प्रिय चीजें अर्पित की जाती हैं. मोदक या लड्डू का भोग लगाया जाता है. फिर उनकी आरती और मंत्रों का जाप किया जाता है.

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इसी तरह गणेश चतुर्थी पर रात की पूजा का भी विशेष महत्व बताया गया है. कहते हैं कि इस दिन रात के समय बाप्पा की पूजा-उपासना करने से भी सुख-समृद्धि का वास होता है और घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है. हर किसी को गणेश चतुर्थी पर दिन या दोपहर में भगवान गणेश की पूजा का विधान पता होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश चतुर्थी की रात गणपति जी का पूजन कैसे करना चाहिए और क्या क्या शुभ मुहूर्त रहने वाले हैं.

गणेश चतुर्थी पर रात की पूजा का मुहूर्त (Ganesh Chaturthi 2025 raat ka Puja Muhurat)

गणेश चतुर्थी पर आज रात भगवान गणेश के लिए पूजन के लिए कई शुभ मुहूर्तों का निर्माण होने जा रहा है, जिसमें खास है रात का चौघड़िया मुहूर्त. चौघड़िया मुहूर्त को सबसे श्रेष्ठ मुहूर्त में से एक माना जाता है.

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पहला मुहूर्त रहेगा शुभ (उत्तम) मुहूर्त जो रात 8 बजकर 12 मिनट से लेकर रात 9 बजकर 35 मिनट तक रहेगा. जबकि दूसरा अमृत (सर्वोत्तम) मुहूर्त है, जो रात 9 बजकर 35 मिनट से लेकर रात 10 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. 

गणेश चतुर्थी पर रात की पूजन विधि (Ganesh Chaturthi 2025 Puja Muhurat)

गणेश चतुर्थी की रात सबसे पहले भगवान गणेश के आगे दीया जलाएं. इसके बाद भगवान गणेश का आह्वान कर उनके शुभ मंत्र 'ऊं गं गणपतये नमः' का जाप करें. फिर भगवान गणेश को फूल और दुर्वा अर्पित करें. इसके बाद गणपति जी को मोदक या लड्डू का भोग लगाएं. अंत में भगवान गणेश की आरती करें.

गणेश चतुर्थी महत्व (Ganesh Chaturthi 2025 Significance)

गणेश चतुर्थी का त्योहार भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है. इसे खास तौर पर महाराष्ट्र में धूमधाम से मनाया जाता है. यह दिन भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है. गणपति बाप्पा को विघ्नहर्ता और सिद्धिविनायक के नाम से भी जाना जाता है. यानी वो सभी बाधाओं को दूर करने वाले और सफलता देने वाले देवता हैं. गणेश चतुर्थी के दिन घर-घर में गणपति बाप्पा को पूरे विधि विधान के साथ स्थापित किया जाता है.

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