देवउठनी एकादशी का पर्व 1 नवंबर 2025, शनिवार को मनाया जा रहा है. इस दिन भगवान विष्णु योगनिद्रा से जागृत होते हैं और चार महीनों तक चलने वाला चातुर्मास समाप्त होता है. इस तिथि से शुभ और मांगलिक कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि शुरू हो जाते हैं. इस बार देवउठनी एकादशी के दिन पूर्वा भाद्रपदा नक्षत्र का योग बन रहा है, जो इस पर्व के महत्व को और भी बढ़ा देता है. आइए जानते हैं कि पूर्वा भाद्रपदा नक्षत्र और देवउठनी एकादशी के संयोग से 12 राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा
पूर्वा भाद्रपदा नक्षत्र का देवउठनी पर प्रभाव
यह नक्षत्र बृहस्पति (गुरु ग्रह) के स्वामित्व में आता है, जो ज्ञान, धर्म, और शुभता का प्रतीक है. इस नक्षत्र में किया गया विष्णु पूजन, तुलसी विवाह और दीपदान अत्यंत फलदायी माना जाता है. कहा गया है कि इस दिन यदि कोई व्यक्ति विष्णु पूजा, दान या व्रत करता है, तो उसे सौ यज्ञों के बराबर पुण्य प्राप्त होता है. इस नक्षत्र में विवाह योग और शुभ कार्यों की शुरुआत विशेष रूप से दीर्घकालिक स्थिरता और सुख-समृद्धि देती है.
ज्योतिषीय दृष्टि से लाभ
गुरु का प्रभाव होने से यह नक्षत्र आध्यात्मिक उन्नति, धर्मपालन और आत्म-संयम को बढ़ाता है. जो व्यक्ति इस दिन तुलसी विवाह या भगवान विष्णु की प्रतिमा का जागरण पूजन करते हैं, उन्हें कर्मफल की शुद्धि और संतान सुख का आशीर्वाद मिलता है. इस दिन किया गया दीपदान या दान-पुण्य न केवल वर्तमान जीवन में बल्कि अगले जन्म तक शुभ फल देता है.
विशेष योग
2025 में देवउठनी एकादशी पर पूर्वा भाद्रपदा नक्षत्र और शनिवार का संयोग बन रहा है. शनिदेव और विष्णु दोनों का संबंध धर्म और कर्म से है. यह योग पापों से मुक्ति, ऋण मुक्ति और आध्यात्मिक प्रगति के लिए अत्यंत शुभ माना गया है. पूर्वा भाद्रपदा नक्षत्र में पड़ने वाली देवउठनी एकादशी 2025 धर्म, दान और नए कार्यों के शुभारंभ के लिए अत्यधिक मंगलकारी है.पूर्वा भाद्रपदा नक्षत्र में पड़ने वाली देवउठनी एकादशी 2025 धर्म, दान और नए कार्यों के शुभारंभ के लिए अत्यधिक मंगलकारी है.
एकादशी तिथि आरंभ: 1 नवंबर 2025, प्रातः 9:11 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त: 2 नवंबर 2025, प्रातः 7:31 बजे तक
पूजा करने के लिए शुभ मुहूर्त: पहला विकल्प सुबह 4:50 बजे से 5:41 बजे तक है. पारण (व्रत खोलने) मुहूर्त: 2 नवंबर 2025 को दोपहर करीब 1:11 बजे से 3:23 बजे तक है.
मेष राशि (Aries)
नए कार्य की शुरुआत के लिए शुभ दिन है. करियर में प्रगति के योग बन रहे हैं. तुलसी माता को गुड़ और जल अर्पित करें. “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 11 बार जाप करें.
वृषभ राशि (Taurus)
आर्थिक दृष्टि से लाभदायक समय है. परिवार में मांगलिक कार्य की संभावना बन रही है. भगवान विष्णु को पीले फूल चढ़ाएं और दान में चावल दें.
मिथुन राशि (Gemini)
व्यापार में उन्नति और नई योजनाओं में सफलता मिल सकती है. प्रेम संबंधों में स्थिरता आएगी. तुलसी के पौधे के पास दीपक जलाएं और पीली वस्तुएं दान करें.
कर्क राशि (Cancer)
मानसिक शांति और घर में सुख-समृद्धि बढ़ेगी. विष्णु भगवान को दूध से अभिषेक करें और गरीबों को मीठा दान दें.
सिंह राशि (Leo)
रुके हुए कार्य पूरे होंगे, परंतु खर्चों में सावधानी रखें. तुलसी विवाह में भाग लें या तुलसी को सिंदूर अर्पित करें.
कन्या राशि (Virgo)
जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा, स्वास्थ्य में सुधार होगा. विष्णु मंदिर में पीले वस्त्र अर्पित करें और “ॐ विष्णवे नमः” का जाप करें.
तुला राशि (Libra)
धन लाभ और पदोन्नति के योग. रिश्तों में मिठास बढ़ेगी. तुलसी के पौधे के नीचे घी का दीपक जलाएं और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.
वृश्चिक राशि (Scorpio)
आत्मबल और निर्णय क्षमता बढ़ेगी. परिवार में किसी शुभ समाचार की संभावना. तुलसी को मिश्री चढ़ाएं और जरूरतमंदों को वस्त्र दान करें.
धनु राशि (Sagittarius)
गुरु का विशेष आशीर्वाद मिलेगा। रुके हुए काम पूरे होंगे. भगवान विष्णु को केले का भोग लगाएं और पीले पुष्प अर्पित करें.
मकर राशि (Capricorn)
धन और संपत्ति से संबंधित कार्यों में सफलता मिलेगी. शनिदेव और विष्णु दोनों की पूजा करें, तिल और तेल का दान करें.
कुंभ राशि (Aquarius)
व्यापार और निवेश के लिए शुभ दिन है. मानसिक शांति बनी रहेगी. तुलसी विवाह में भाग लेकर तुलसी को वस्त्र अर्पित करें.
मीन राशि (Pisces)
पूर्वा भाद्रपदा नक्षत्र आपके लिए अत्यंत शुभ है. करियर और शिक्षा में लाभ के संकेत. विष्णु भगवान को तुलसी पत्र और पीली मिठाई अर्पित करें, दीपदान अवश्य करें.
अंशु पारीक