ईसाई समुदाय के लोग 25 दिसंबर को जीसस क्राइस्ट का जन्मदिन मानकर सेलिब्रेट करते हैं. पूरी दुनिया में ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह सबसे बड़ा दिन होता है. क्या आप जानते हैं मुस्लिम बेशक क्रिसमस ना मनाते हों, लेकिन इस्लाम धर्म में जीसस की काफी अहमियत है. इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ कुरान में जीसस और मैरी का कई बार जिक्र किया गया है.
इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ कुरान में जीसस समेत मैरी और देवदूत गेब्रियल का जिक्र हुआ है. इस्लाम में जीसस को ईसा, मैरी को मरियम और गेब्रियल को जिब्राइल कहा गया है. बाइबल के कुछ और चरित्र आदम, नूह, अब्राहम, मोसेस का भी उल्लेख कुरान में है. कुरान में अब्राहम को इब्राहिम और मोसेस को मूसा कहा गया है. आइए जानते हैं इस्लाम में जीसस क्राइस्ट (ईसा) से जुड़ी खास बातें.
जीसस का अरबी नाम ईसा है. कुरान में हजरत ईसा अलैहिस्सलाम का जिक्र है, जिन्हें ईसाई समुदाय ईसा मसीह कहते हैं और इस्लाम के लोग हजरत ईसा के नाम से पुकारते हैं. मुसलमानों का मानना है कि हजरत ईसा (जीसस) अल्लाह के पैगंबर थे और कुआंरी मरियम ( वर्जिन मैरी) ने उन्हें जन्म दिया था.
जब कुआंरी मरियम को फरिश्ता जिब्राइल (जीसस) ईसा के जन्म की बात बताता है तो मरियम कहती हैं, 'जब मुझे किसी आदमी ने कभी छुआ नहीं तो मैं किसी बच्चे को कैसे जन्म दूंगी?' तब फरिश्ता कहता है, 'ईश्वर के लिए सब संभव है. वो दया और करुणा का संदेश देने धरती पर आएंगे.'
मैरी को अरबी भाषा में मरियम कहा गया है. कुरान में उन पर एक पूरा चैप्टर (चैप्टर 9) है. कुरान में किसी महिला पर अगर एक पूरा चैप्टर है तो वह मरियम पर ही है. यहां तक कि कुरान में मैरी ही एक ऐसी महिला हैं जिनका नाम लिया गया है. कुरान में अन्य महिलाओं को या तो उनके रिश्तों से परिभाषित किया गया है या फिर किसी उपाधि से. जैसे आदम की पत्नी, मूसा की मां, शेबा की रानी. 'न्यू टेस्टामेंट ऑफ द बाइबल' से ज्यादा कुरान में मैरी का जिक्र किया गया है.
इस्लाम में बाकी पैगंबरों की तरह ईसा भी लोगों के लिए एक संदेश लेकर आते हैं. ईसा का संदेश "इंजील" कहलाता है. कुरान के अनुसार, इंजील अल्लाह की ओर से इंसानियत को दिए गए चार पवित्र ग्रंथों में से एक है. जिनमें अन्य 3 हैं जबूर, तौरात और कुरान. मान्यताओं के अनुसार, ईसा जिन्हें नबी और इस्लाम का एक पैगंबर माना जाता है, अल्लाह ने इंजील का ज्ञान दिया था. ईसाई धर्म की मान्यताओं के अनुसार, जीसस ने कई चमत्कार किए थे और वह सभी के दुख दूर करते थे. ईसाई धर्म में जीसस के अंधे को रोशनी देने और मुर्दे में जान फूंकने जैसे चमत्कारों का जिक्र होता है. वहीं, कुरान में भी ईसा के मिट्टी के पक्षी में जान डालने जैसे चमत्कारों का उल्लेख है. कुरान में ईसा के जन्म की जो कहानी बताई गई है, वो भी उनके पहले जादुई कारनामे की ही कहानी है. जब वह पालने में ही बोलने लगते हैं और खुद को पैगंबर घोषित करते हैं.
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