चाणक्य नीति: इन बातों को किसी से नहीं करना चाहिए शेयर, छुपाने में है भलाई

चाणक्य नीति (Chanakya Niti ) के 14वें अध्याय के 17वें श्लोक में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि बुद्धिमान व्यक्ति को अपनी किन बातों को किसी से नहीं बतानी चाहिए. उन बातों को दूसरों से शेयर करने पर अपमान का सामना करना पड़ सकता है. इसके साथ ही बुरे समय में समाज के लोगों का साथ भी नहीं मिलता.

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Chanakya Niti In Hindi (चाणक्य नीति) Chanakya Niti In Hindi (चाणक्य नीति)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:00 PM IST

आचार्य चाणक्य ने अपने नीति ग्रंथ यानी चाणक्य नीति (Chanakya Niti) में मनुष्य के जीवन को सरल और सफल बनाने से जुड़ी कई बातों का उल्लेख किया है. चाणक्य नीति के 14वें अध्याय के 17वें श्लोक में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि बुद्धिमान व्यक्ति को अपनी किन बातों को किसी से नहीं बतानी चाहिए. उन बातों को दूसरों से शेयर करने पर अपमान का सामना करना पड़ सकता है. इसके साथ ही बुरे समय में समाज के लोगों का साथ भी नहीं मिलता. एक श्लोक के माध्यम से चाणक्य ने इसे समझाया है...

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सुसिद्धमौषधं धर्मं गृहच्छिद्रं च मैथुनम् ।
कुभुक्तं कुश्रुतं चैव मतिमान्न प्रकाशयेत् ॥

> दवाई या औषधियों के बारे में- चाणक्य नीति के अनुसार अपनी दवाई या औषधियों के बारे में किसी को भी नहीं बताना चाहिए. किसी को ये नहीं बताना चाहिए कि आपको क्‍या बीमारी है और आप कौन सी औषधियां ले रहे हैं. अपनी दवाइयों के बारे में दूसरों से बताने से स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है.

> घर का भेद- चाणक्य के अनुसार अपने घर का राज किसी को नहीं बताना चाहिए. चाहे आप कितने भी परेशान क्‍यों ना हो, कभी अपने घर का दोष किसी के सामने उजागर नहीं कहना चाहिए. घर का भेद दूसरों को बताने से शत्रु इसका लाभ उठा सकते हैं.

> परिवार की बुराई- अपने घर-परिवार वालों की बुराई कभी किसी के सामने नहीं करनी चाहिए. अगर किसी सदस्‍य के भीतर कोई कमी है तो उसे भी किसी से नहीं कहना चाहिए. परिवार की बुराई दूसरों से करने पर पारिवारिक उपहास होता है जिससे सम्मान को ठेस पहुंचाती है.

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> संभोग या संबंधों के बारे में- पति-पत्‍नी को अपने वैवाहिक जीवन या संबंधों से जुड़ी बातों को किसी के सामने नहीं कहना चाहिए. संभोग के दौरान गलती हो जाए तो उसे किसी दूसरे व्यक्ति को नहीं बताना चाहिए.

> धन व मंत्र- अपने धन के बारे में कभी किसी को नहीं बताना चाहिए. अगर आप किसी मंत्र का जाप करते हैं तो उसे अपने मन में रखने से अधिक प्रभाव पड़ता है. इसके अलावा चाणक्य कहते हैं कि बुराई और निंदा वाले शब्दों को अपने तक ही रखने में भलाई है. इससे समाज में मान-सम्मान बना रहता है. 

 

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