Chanakya Niti In Hindi: श्मशान के समान होते हैं ऐसे घर, जानें क्या कहती है चाणक्य नीति

चाणक्य की नीतियों से मनुष्य को जीवन की हर समस्या का समाधान मिलता है. नीति शास्त्र में चाणक्य ने जीवन को बेहतर ढंग से जीने के लिए सैकड़ों नीतियां और उपाय सुझाए हैं, जिसे अपनाकर इंसान को जीवन में खुशहाली और शांति का अनुभव होता है.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 8:10 AM IST

चाणक्य की नीतियों से मनुष्य को जीवन की हर समस्या का समाधान मिलता है. नीति शास्त्र में चाणक्य ने जीवन को बेहतर ढंग से जीने के लिए सैकड़ों नीतियां और उपाय सुझाए हैं, जिसे अपनाकर इंसान को जीवन में खुशहाली और शांति का अनुभव होता है. इसी नीति शास्त्र में वो बताते हैं कि कैसे घर श्मशान के जैसे होते हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में...

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न विप्रपादोदककर्दमानि, न वेदशास्त्रध्वनिगर्जितानि।
स्वाहा-स्नधास्वस्ति-विवर्जितानि, श्मशानतुल्यानि गृहाणि तानि।।

चाणक्य इस श्लोक में कहते हैं कि जिन घरों में ब्राह्मणों का आदर-सत्कार नहीं होता, जहां वेद आदि शास्त्रों की ध्वनि नहीं गूंजती, जिस घर में अग्निहोत्र अर्थात हवन आदि शुभकर्म नहीं होते हैं, उसे श्मशान के समान समझना चाहिए. वह घर मुर्दों का निवास स्थान ही माना जाएगा. वहीं जीवनी शक्ति नहीं होती.

आमन्त्रणोत्सवा विप्रा गावो नवतृणोत्सवा: । 
पत्युत्साहयुता नार्य: अहं कृष्णरणोत्सव: ।। 

किसी ब्राह्मण के लिए भोजन का निमंत्रण मिलना ही उत्सव है. गायों के लिए ताजी नई घास प्राप्त होना ही उत्सव के समान है. पति में उत्साह की वृद्धि होते रहना ही स्त्रियों के लिए उत्सव के समान है. श्लोक के अंत में चाणक्य कहते हैं कि मेरे लिए श्रीकृष्ण के चरणों में अनुराग ही उत्सव के समान है.

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