Chaitra Navratri 2024: सभी कार्यों से पहले मां दुर्गा की उपासना करना फलदायी माना जाता है. नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों की उपासना करने से जीवन के सभी कष्टों से छुटकारा मिलता है और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है. 30 साल बाद शक्ति का महापर्व नवरात्रि 9 अप्रैल 2024 को रेवती और अश्विनी नक्षत्र में गजकेसरी योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ शुरू हो रहा है. इस बार मां दुर्गा घोड़े पर सवार होकर आई हैं जो बेहद शुभ माना जा रहा है.
चैत्र नवरात्रि पर खरमास का साया (Kharmaas Shadow on Chaitra Navratri)
वैसे तो नवरात्रि के दिन बहुत ही शुभ माने जाते हैं लेकिन, इस बार चैत्र नवरात्रि पर खरमास का साया पड़ेगा. दरअसल, खरमास की शुरुआत 14 मार्च से हुई थी और इनका समापन 13 अप्रैल को होगा. जिसके कारण नवरात्रि के शुरुआती 5 दिनों में कोई भी मांगलिक या शुभ कार्य नहीं जा सकते हैं. लेकिन, ज्योतिषियों की मानें तो पूजा पाठ या ईश्वर की उपासना की जा सकती है.
खरमास में न करें ये कार्य (Kharmaas Do's and Dont's)
खरमास में शादी-विवाह वर्जित होता है. इस समय नए मकान का निर्माण और संपत्ति का क्रय करना वर्जित होता है. इस दौरान नया व्यवसाय या नया कार्य आरम्भ न करें. अन्य मंगल कार्य जैसे द्विरागमन, कर्णवेध, और मुंडन भी वर्जित है. अगर प्रेम विवाह या स्वयंवर का मामला हो तो विवाह किया जा सकता है. जो कार्य नियमित रूप से हो रहे हों उनको करने में भी खरमास का कोई बंधन या दबाव नहीं होता है. सीमान्त, जातकर्म या अन्नप्राशन भी किया जा सकता है.
चैत्र नवरात्रि पूजन की विधि (Chaitra Navratri Pujan Vidhi)
कलश स्थापना के लिए सबसे पहले सुबह उठकर स्नान आदि करके साफ कपड़े पहनें. मंदिर की साफ-सफाई कर सफेद या लाल कपड़ा बिछाएं. इस कपड़े पर थोड़े चावल रखें. एक मिट्टी के पात्र में जौ बो दें. इस पात्र पर जल से भरा हुआ कलश स्थापित करें. कलश पर स्वास्तिक बनाकर इसपर कलावा बांधें. कलश में साबुत सुपारी, सिक्का और अक्षत डालकर अशोक के पत्ते रखें. एक नारियल लें और उस पर चुनरी लपेटकर कलावा से बांधें. इस नारियल को कलश के ऊपर पर रखते हुए देवी दुर्गा का आवाहन करें. इसके बाद दीप आदि जलाकर कलश की पूजा करें. नवरात्रि में देवी की पूजा के लिए सोना, चांदी, तांबा, पीतल या मिट्टी का कलश स्थापित किया जाता है.
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