Anant Chaturdashi 2021: अनंत चतुर्दशी पर बन रहा मंगल बुधादित्य योग, जानें पूजा विधि, होगा बड़ा लाभ

Anant Chaturdashi 2021 अनंत चतुर्दशी 19 सितंबर 2021 दिन रविवार को इस बार विशेष मंगल बुधादित्य योग बन रहा है. इस दिन महारविवार का भी व्रत होगा. अनंत चतुर्दशी पर शुभ मुहूर्त में पूजा करने से हर प्रकार की परेशानी और जीवन में आने वाली बाधाओं से मुक्ति मिलेगी.

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भगवान विष्णु भगवान विष्णु

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 9:57 AM IST
  • अनंत चतुर्दशी पर होती है विष्णु भगवान की पूजा
  • गणपति बप्पा भी इसी दिन लेते हैं विदाई
  • इस व्रत को अनंत फल देने वाला माना गया है

Anant Chaudas 2021: गणेश उत्सव की 10 दिन की मंगलकारी पूजा के साथ अब बप्पा की विदाई का समय नजदीक आ रहा है. 19 सितंबर 2021 दिन रविवार को अनंत चतुर्दशी पर बप्पा अगले साल फिर आने की कामना के साथ विदाई लेंगे. वहीं इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है. वैसे तो ये दिन मंगलकारी होता है, लेकिन इस बार अनंत चतुर्दशी पर मंगल बुधादित्य योग बन रहा है, जिसकी वजह से व्रत और पूजा करने वाले भक्तों के लिए ये दिन अत्यंत फलदायी होगा.

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इसलिए बन रहा मंगल बुधादित्य योग (Anant Chaudas 2021 Mangal Budhaditya Yoga)
अनंत चौदस पर जहां गणपति बप्पा की विदाई होती है, वहीं इस दिन भक्त उपवास रखकर भगवान विष्णु के अनंत रूप की पूजा भी करते हैं. भगवान विष्णु को अनंत सूत्र बांधा जाता है, जिससे सारी बाधाओं से मुक्ति मिलती है. अनंतसूत्र कपड़े या रेशम का बना होता है और इसमें 14 गांठ लगी होती हैं. ज्योतिषाचार्य डॉ. अरविंद मिश्र ने बताया कि अनंत चतुर्दशी पर इस बार मंगल, बुध और सूर्य एक साथ कन्या राशि में विराजमान रहेंगे, जिसकी वजह से मंगल बुधादित्य योग बन रहा है. इस योग में की गई पूजा अर्चना का महालाभ मिलता है. 

अनंत चतुर्दशी पूजा मुहूर्त (Anant Chaturdashi 2021 Shubh Muhurt)
अनंत चतुर्दशी पर पूजन के लिए शुभ मुहूर्त 19 सितंबर 2021 सुबह 6.07 मिनट से शुरू होगा, जो अगले दिन 20 सितंबर को सुबह 5.30 बजे तक रहेगा. 

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अनंत चतुर्दशी पर पूजा विधि (Anant Chaudas 2021 Puja Vidhi)
अग्नि पुराण में अनंत चतुर्दशी व्रत के महत्व का वर्णन मिलता है. इस दिन प्रातःकाल स्नान के बाद पूजा स्थल पर कलश स्थापित करें. इसके बाद कलश पर भगवान विष्णु की तस्वीर भी लगाएं. एक धागे को कुमकुम, केसर और हल्दी से रंगकर अनंत सूत्र बनाएं, इसमें चौदह गांठें लगी होनी चाहिए. इस सूत्रो भगवान विष्णु की तस्वीर के सामने रखें. अब भगवान विष्णु और अनंत सूत्र की पूजा करें और 'अनंत संसार महासुमद्रे मग्रं समभ्युद्धर वासुदेव। अनंतरूपे विनियोजयस्व ह्रानंतसूत्राय नमो नमस्ते।।' मंत्र का जाप करें. इसके बाद अनंत सूत्र को बाजू में बांध लें. माना जाता है कि इस सूत्र को धारण करने से संकटों का नाश होता है. 


 

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