hindu festivals 2026: कुछ ही दिनों में नए साल 2026 की शुरुआत होने वाली है. नए साल के साथ ही लोगों को सालभर आने वाले त्योहारों का बेसब्री से इंतजार रहता है. खासतौर पर होली, दीवाली और नवरात्रि जैसे प्रमुख हिंदू पर्व न सिर्फ धार्मिक बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी खास महत्व रखते हैं.आइए जानते हैं कि 2026 में होली, दीवाली और नवरात्रि कब हैं और इनका धार्मिक महत्व क्या है.
2026 में कब है होली
हिंदू पंचांग के अनुसार 2026 में होली का पर्व 4 मार्च, बुधवार को मनाया जाएगा. होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा के अगले दिन मनाई जाती है. यह पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत, प्रेम, सौहार्द और रंगों के उत्सव का प्रतीक है.
2026 में दीवाली कब है
हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर मनाया जाने वाला दिवाली पर्व 2026 में 8 नवंबर, रविवार को पड़ेगा. दिवाली को भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने की खुशी और मां लक्ष्मी की पूजा के पर्व के रूप में मनाया जाता है. इस दिन घरों में दीप जलाए जाते हैं, लक्ष्मी-गणेश की पूजा होती है.
नवरात्रि कब है (2026)
हिंदू धर्म में वर्ष में चार बार नवरात्रि आती है, जिनमें से दो गुप्त होती हैं. चैत्र और शारदीय नवरात्रि का विशेष धार्मिक महत्व है. इन नौ दिनों में मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है.
चैत्र नवरात्रि 2026
2026 में चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 19 मार्च से होगी. इसका समापन 27 मार्च 2026 को होगा.
पहला दिन (19 मार्च): मां शैलपुत्री की पूजा की जाती हैं. ये शक्ति और स्थिरता का प्रतीक हैं.
दूसरा दिन (20 मार्च): इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है. मां ब्रह्मचारिणी तप और संयम की देवी हैं.
तीसरा दिन (21 मार्च): मां चंद्रघंटा की पूजा, साहस और निर्भयता प्रदान करती हैं.
चौथा दिन (22 मार्च): चौथे दिन मां कूष्मांडा की पूजा होती है. मां कूष्मांडा सृष्टि की रचयिता मानी जाती हैं.
पांचवां दिन (23 मार्च): पांचवां दिन मां स्कंदमाता की पूजा को समर्पित है. ये मातृत्व और वात्सल्य का प्रतीक हैं.
छठा दिन (24 मार्च): मां कात्यायनी की पूजा, शत्रु विनाश की देवी मानी जाती हैं.
सातवां दिन (25 मार्च): मां कालरात्रि की पूजा, ये नकारात्मक शक्तियों का नाश करती हैं.
आठवां दिन (26 मार्च): इस दिन मां महागौरी की पूजा होती है. मां महागौरी पवित्रता और शांति का प्रतीक हैं.
संधि पूजा समय- संधि पूजा की शुरुआत सुबह 11:24 बजे होगी, और इसका समापन 12:12 बजे होगा.
नवां दिन (27 मार्च): मां सिद्धिदात्री की पूजा, सभी सिद्धियों का वरदान देती हैं.
शारदीय नवरात्रि 2026
शारदीय नवरात्रि 11 अक्टूबर शुरू होकर 20 अक्टूबर 2026 को खत्म होगी.
पहला दिन (11 अक्टूबर): मां शैलपुत्री की पूजा होती है.
दूसरा दिन (12 अक्टूबर): मां ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाती है.
तीसरा दिन (13 अक्टूबर): मां चंद्रघंटा की पूजा होती है.
चौथा दिन (14 अक्टूबर): मां कूष्मांडा की पूजा होती है.
पांचवां दिन (15 अक्टूबर): मां स्कंदमाता की पूजा होती है.
छठा दिन (16 अक्टूबर): मां कात्यायनी की पूजा होती है.
सातवां दिन (17 अक्टूबर): मां कालरात्रि की पूजा की जाती है.
आठवां दिन (18 अक्टूबर): मां महागौरी की पूजा होती है.
नवां दिन (19 अक्टूबर): मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.
दशमी (20 अक्टूबर): विजयादशमी / दशहरा, बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक
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