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Chandra Grahan 2020: लगने वाला है साल का आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें भारत में क्या होगा असर?

aajtak.in
  • 27 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST
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साल का आखिरी चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2020) 30 नवंबर को है. खास बात ये है कि ये चंद्र ग्रहण इस बार कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima 2020) के दिन पड़ रहा है. ये चंद्र ग्रहण एक उपछाया ग्रहण होगा. आइए जानते हैं कि ये चंद्र ग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा और भारत में इसका क्या असर होगा.

Photo- Pixabay

 

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चंद्र ग्रहण का समय (Lunar eclipse timings)- 30 नवंबर को पड़ने वाला चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse 2020) दोपहर 1 बजकर 4 मिनट पर शुरू होगा और शाम 5 बजकर 22 मिनट पर खत्म होगा. ये चंद्र ग्रहण पूर्णिमा तिथि को रोहिणी नक्षत्र और वृषभ राशि में होगा.
 

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कहां-कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण- साल का आखिरी चंद्र ग्रहण (Last lunar eclipse of 2020) एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशांत महासागर और अमेरिका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा. ये चंद्र ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. 
 

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कब लगेगा का सूतक- चंद्र ग्रहण के शुरु होने से 9 घंटे पहले सूतक (Sutak Kaal)लग जाता है. हालांकि ये चंद्र ग्रहण एक  उपछाया ग्रहण है और ये भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा.
 

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भारत पर इसका असर- ये चंद्र ग्रहण उपछाया चंद्र ग्रहण है जो भारत में दिखाई नहीं देगा. शास्त्रों में उपछाया चंद्र ग्रहण को ग्रहण नहीं माना जाता है. इसलिए ना तो यहां सूतक काल माना जाएगा और ना ही किसी तरग के कार्यों पर पाबंदी होगी. हालांकि नक्षत्र और राशि में लगने का असर जातकों पर जरूर पड़ेगा. ये ग्रहण वृषभ राशि में लगेगा इसलिए वृषभ राशि के जातकों को ग्रहण काल के दौरान कुछ परेशानियों से गुजरना पड़ सकता है.
 

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क्या होता है उपछाया ग्रहण- चंद्र ग्रहण के शुरू होने से पहले चंद्रमा धरती की उपछाया में प्रवेश करता है. जब चंद्रमा पृथ्वी की वास्तविक छाया में प्रवेश किए बिना ही बाहर निकल आता है तो उसे उपछाया ग्रहण कहते हैं. चंद्रमा जब धरती की वास्तविक छाया में प्रवेश करता है, तभी उसे पूर्ण रूप से चंद्रग्रहण माना जाता है. उपछाया ग्रहण को वास्तविक चंद्र ग्रहण नहीं माना जाता है. ज्योतिष में भी उपछाया को ग्रहण का दर्जा नहीं दिया गया है.
 

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क्या होता है चंद्रग्रहण- जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो सूर्य की पूरी रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ती है. इसे चंद्रग्रहण कहते हैं. जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं तो चंद्रग्रहण की स्थिति होती है. चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात में ही होता है. एक साल में अधिकतम तीन बार पृथ्वी के उपछाया से चंद्रमा गुजरता है, तभी चंद्रग्रहण लगता है.
 

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कहां देख सकते हैं चंद्र ग्रहण (Live Streaming of Lunar Eclipse)- टेलिस्‍कोप की मदद से देखने से यह चंद्र ग्रहण बहुत ही खूबसूरत दिखाई देगा. इसे आप www.virtualtelescope.eu पर वर्चुअल टेलिस्‍कोप की मदद से देख सकते हैं. इसके अलावा आप इसे यूट्यूब चैनल CosmoSapiens, Slooh पर लाइव भी देख सकते हैं.
 

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क्या चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन ही पड़ता है- चंद्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन पड़ता है लेकिन हर पूर्णिमा को चंद्र ग्रहण नहीं पड़ता है. इसका कारण है कि पृथ्वी की कक्षा पर चंद्रमा की कक्षा का झुके होना. यह झुकाव तकरीबन 5 डिग्री है इसलिए हर बार चंद्रमा पृथ्वी की छाया में प्रवेश नहीं करता. उसके ऊपर या नीचे से निकल जाता है. यही बात सूर्यग्रहण के लिए भी है.
 

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