Somvati Amavasya 2021: सोमवती अमावस्या का क्या है महत्व? जानें सावधानियां, नियम और उपाय

Somvati Amavasya 2021 Upay: यह तिथि पितरों की तिथि मानी जाती है. इसमें चन्द्रमा की शक्ति जल में प्रविष्ट हो जाती है. इस तिथि को राहु और केतु की उपासना विशेष फलदायी होती है. इस दिन दान और उपवास का विशेष महत्व होता है और विशेष प्रयोगों से विशेष लाभ होते हैं.

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Somvati Amavasya 2021: सोमवती अमावस्या का क्या है महत्व? जानें सावधानियां, नियम और उपाय Somvati Amavasya 2021: सोमवती अमावस्या का क्या है महत्व? जानें सावधानियां, नियम और उपाय

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:44 PM IST
  • पितरों की तिथि मानी जाती है अमावस्या
  • सोमवती अमावस्या पर करें धन लाभ के उपाय

Somvati Amavasya 2021 Upay: सूर्य और चन्द्रमा के एक साथ होने से अमावस्या की तिथि होती है. इसमें सूर्य और चन्द्रमा के बीच का अंतर शून्य हो जाता है. यह तिथि पितरों की तिथि मानी जाती है. इसमें चन्द्रमा की शक्ति जल में प्रविष्ट हो जाती है. इस तिथि को राहु और केतु की उपासना विशेष फलदायी होती है. इस दिन दान और उपवास का विशेष महत्व होता है और विशेष प्रयोगों से विशेष लाभ होते हैं. अमावस्या सोमवार के दिन पड़ने की वजह से इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है. 6 सितंबर यानी आज सोमवती अमावस्या मनाई जा रही है.

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अमावस्या की सावधानियां और नियम
सोमवती अमावस्या के दिन अन्न का सेवन न करें या कम से कम करें. इस दिन पितरों के लिए दान जरूर करें. इस दिन पशुओं को हरा चारा खिलाएं. सम्भव हो तो घर के मुख्य द्वार पर प्रकाश की व्यवस्था करें.

स्वास्थ्य संबंधी समस्या के उपाय
सोमवती अमावस्या खीर बनाकर शिवजी को अर्पित करें. कुछ अंश पितरों के नाम से भी निकालें. शिवजी को अर्पित की हुयी खीर निर्धनों में बांटें. पितरों की खीर किसी पशु को खिला दें. सफेद चंदन की लकड़ी नीले धागे में बांधकर पहन लें.

पारिवारिक समस्या के उपाय
स्नान करके नारंगी वस्त्र धारण करें. भगवान शिव और माता पार्वती की संयुक्त पूजा करें. उनके समक्ष "ॐ गौरीशंकराय नमः" का जप करें. सात्विक भोजन बनाकर दान करें.

धन लाभ के उपाय- अमावस्या वाली रात्रि को 5 लाल फूल और 5 जलते हुए दीये बहती नदी के पानी में छोड़ें. इस उपाय से धन का लाभ प्राप्त होने के प्रबल योग बनेंगे. शाम के समय घर के ईशान कोण में गाय के घी का दीपक लगाएं. बत्ती में रूई के स्थान पर लाल रंग के धागे का उपयोग करें. साथ ही दीये में थोड़ी-सी केसर भी डाल दें.

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कालसर्प दोष निवारण का उपाय- इस दिन कालसर्प दोष निवारण हेतु सुबह स्नान के बाद चांदी से निर्मित नाग-नागिन की पूजा करें. सफेद पुष्प के साथ इसे बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें.

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