Sawan 2025: श्रावण मास में जरूर लें ये 5 संकल्प, भगवान शिव कर देंगे जीवन का उद्धार

Sawan 2025: हिंदू धर्म में सावन माह और सोमवार का खास महत्तव है. मान्यता है कि सावन मास में संकल्प लेने से न सिर्फ मन को शांति मिलेगी, बल्कि आत्मिक विकास भी होता है. ऐसे कुल 5 संकल्प हैं जो बेहद खास माने जाते हैं. तो आइये जानते हैं उन पांचों संकल्प के बारे में.

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रवि प्रदोष व्रत 2025 रवि प्रदोष व्रत 2025

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 4:41 PM IST

Sawan 2025: सावन मास भगवान शिव को समर्पित खास महीना है. इस पूरे महीने में पूजा, व्रत और अभिषेक का बड़ा महत्व होता है. मान्यता है कि अगर इस शुभ समय में आप एक संकल्प लेकर नियमपूर्वक साधना करें तो न सिर्फ मन को शांति मिलेगी, बल्कि आत्मिक विकास भी होता है. आइए जानते हैं श्रावण के इस पवित्र महीने में कौन से 5 आसान लेकिन असरदार संकल्प लिए जा सकते हैं. साथ ही स्टोरी में ये भी जानेंगे कि सावन के सोमवार इतने अहम क्यों होते हैं. सबसे पहले जानते हैं पांच संकल्पों के बारे में 

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1. ब्रह्म मुहूर्त में जागकर साधना संकल्प लें
श्रावण मास के पहले दिन ब्रह्म मुहूर्त (सूर्योदय से 45 मिनट पूर्व) में उठें और संकल्प लें. संकल्प का मतलब  किसी व्रत, साधना या सेवा का दृढ़ निश्चय लेना है. दाहिने हाथ में चावल और गंगाजल लेकर आंखें बंद करें. इस दौरान अंगूठा और तर्जनी उंगली मोड़ें रखें. भगवान शिव  के मंत्र का जाप करें. महादेव को उनका प्रिय भोग लगाएं और व्रत-उपासना करें. अगर आपने एक बार ये संकल्प ले लिया तो उसे तोड़ें नहीं, बल्कि निरंतर करते रहें. 

2. प्राणायाम/योग

प्रत्येक दिन कम से कम 45 मिनट तक प्राणायाम या सौम्य योगासन करें. इससे शरीर और मन दोनों की ऊर्जा शुद्ध होती है और ध्यान की गहराई बढ़ती है. यह अभ्यास विशेषकर ब्रह्म मुहूर्त में करना अत्यंत लाभकारी होता है. 

3. ध्यान (ध्यान विधि)
साफ, शांत स्थान पर पीठ सीधी करके बैठें और आंखें बंद करें. "ॐ नमः शिवाय" या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें और अपने श्वास पर ध्यान केंद्रित करें. आप 11, 21, 51 या 108 माला जप कर सकते हैं.  इसे आप दिन या सप्ताह में भागों में भी पूरा कर सकते हैं.

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4. सोमवार या पूरे मास उपवास रखें
उपवास शरीर और मन दोनों की शुद्धि का माध्यम है. आप केवल सोमवार को फलाहार व्रत रख सकते हैं. यदि आप पहली बार उपवास रख रहे हैं तो फलाहार (फल, दूध आदि) से शुरुआत करें. यह उपवास तप की भावना को जागृत करता है.

5. शिवलिंग अभिषेक करें
प्रत्येक दिन या कम से कम हर सोमवार शिवलिंग का अभिषेक करें. यदि आपके घर में शिवलिंग है और आप मंत्रों का उच्चारण जानते हैं तो यह काम घर पर भी कर सकते हैं. अन्यथा भगवान शिव के मंदिर जाकर करें. बेलपत्र, पुष्प, भोग आदि अर्पित करें. यदि संभव हो तो ब्रह्म मुहूर्त में रुद्राभिषेक करना सर्वश्रेष्ठ माना जाता है. 

सावन के सोमवार का महत्व

अब जानते हैं कि सावन के सोमवार इतने महत्तवपूर्ण क्यों है. वैसे तो इस बार सावन में चार सोमवार पड़ने वाले हैं, जो बेहद ही महत्तवपूर्ण हैं. माना जाता है कि सावन के सोमवार को भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है.  मान्यता है कि इस दिन किए गए व्रत, जाप और अभिषेक से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं. विशेष रूप से कुंवारी कन्याएं अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति के लिए और विवाहित महिलाएं वैवाहिक सुख के लिए सावन के सोमवार को व्रत रखती हैं. यह दिन इच्छाओं की पूर्ति, मानसिक शांति और मोक्ष की ओर ले जाता है. 

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