Sawan Putrada Ekadashi Vrat 2022: कब है सावन की पुत्रदा एकादशी, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

व्रतों में सबसे महत्वपूर्ण व्रत एकादशी का होता है. एकादशी का नियमित व्रत रखने से मन की चंचलता समाप्त होती है. पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान प्राप्ति तथा संतान की समस्याओं के निवारण के लिए किया जाने वाला व्रत है. मान्यता है कि जो भी लोग इस व्रत को पूरे विधि-विधान और श्रद्धा के साथ करते हैं उन्हें संतान सुख अवश्य मिलता है.

Advertisement
कब है सावन की पुत्रदा एकादशी, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि कब है सावन की पुत्रदा एकादशी, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 03 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 10:26 AM IST

Putrada Ekadashi Vrat 2022: श्रावण मास की  शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी मनाई जाती है. पुत्रदा एकादशी का व्रत साल में दो बार रखा जाता है. एक पुत्रदा एकादशी पौष माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन आती है. वहीं, दूसरी पुत्रता एकादशी सावन माह की शुक्ल पक्ष एकादशी के दिन आती है. इस साल 8 अगस्त 2022 को पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाएगा. पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. माना जाता है कि इस दिन व्रत  रखने से संतान की प्राप्ति होती है और संतान के सभी कष्ट भी दूर हो जाते हैं. तो आइए जानते हैं पुत्रदा एकादशी का शुभ मुहूर्त और पूजा विधि-

Advertisement

पुत्रदा एकादशी शुभ मुहूर्त (Putrada Ekadashi 2022 Shubh Muhurat)

श्रावण पुत्रदा एकादशी सोमवार, अगस्त 8, 2022 को
एकादशी तिथि प्रारम्भ - अगस्त 07, 2022 को सुबह  11 बजकर 50 मिनट से शुरू
एकादशी तिथि समाप्त - अगस्त 08, 2022 को रात 09 बजे खत्म 
पारण (व्रत तोड़ने का) समय - अगस्त 09, 2022 को सुबह 06 बजकर 07 मिनट से 08 बजकर 42 मिनट तक

पुत्रदा एकादशी का महत्व (Putrada Ekadashi 2022 Importance)

माना जाता है कि पुत्र सुख की प्राप्ति के लिए पुत्रदा एकादशी का व्रत रखा जाता है. जिन लोगों को कोई पुत्र नहीं होता उनके लिए पुत्रदा एकादशी का व्रत अत्यधिक महत्वपूर्ण है. इस एकादशी का व्रत रखने से भगवान विष्णु की भी खास कृपा होती है. 

पुत्रदा एकादशी पूजा विधि (Putrada Ekadashi Puja Vidhi)

एकादशी से एक दिन पहले से ही सात्विक भोजन करना चाहिए. 

Advertisement

एकादशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त पर उठें और नहाकर साफ कपड़े पहन लें.

इसके बाद भगवान विष्णु की प्रतिमा के आगे दीपक जलाएं और व्रत का संकल्प लें. 

भगवान विष्णु की पूजा करते समय तुलसी के पत्तों का इस्तेमाल जरूर करे. तुलसी भगवान शिव को अति प्रिय है इसलिए विष्णु भगवान की पूजा में तुलसी को जरूर शामिल किया जाना चाहिए. 

8 अगस्त 2022 को पुत्रदा एकादशी के साथ ही  सावन का सोमवार भी है ऐसे में मंदिर में जाकर विष्णु भगवान की पूजा के साथ ही शिवलिंग पर भी जल जरूर चढ़ाएं. 

व्रत के दिन कुछ भी ना खाएं फिर अगले दिन पारण करने से पहले ब्राह्मणों को भोजन कराएं उसके बाद ही पारण करें. 

पुत्रदा एकादशी की व्रत कथा (Putrada Ekadashi Katha)

श्री पद्मपुराण के अनुसार द्वापर युग में महिष्मतीपुरी का राजा महीजित बड़ा ही शांति और धर्म प्रिय था लेकिन उसका कोई पुत्र नहीं था. राजा के शुभचिंतकों ने यह बात महामुनि लोमेश को बताई. महामुनि ने बताया कि राजा ने अपने पिछले जन्म में कुछ अत्याचार किए हैं. एक बार एकादशी के दिन दोपहर के समय वो एक जलाशय पर पहुंचे. वहां एक प्यासी गाय को पानी पीते देखकर उन्होंने उसे रोक दिया और स्वयं पानी पीने लगे. राजा का ऐसा करना धर्म के विपरीत था. पूर्व जन्म के कुछ पुण्य कर्मों के कारण वो अगले जन्म में राजा तो बने, लेकिन उस एक पाप के कारण अब तक संतान विहीन हैं. महामुनि ने बताया कि यदि राजा के सभी शुभचिंतक श्रावण शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को विधि पूर्वक व्रत करें और उसका पुण्य राजा को दे दें, तो उन्हें निश्चय ही संतान की प्राप्ति होगी. महामुनि के कहने पर प्रजा के साथ-साथ राजा ने भी यह व्रत रखा. कुछ महीनों के बाद रानी ने एक पुत्र को जन्म दिया. मान्यता है ति तभी से इस एकादशी को श्रावण पुत्रदा एकादशी कहा जाने लगा.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement