भूलकर भी ना करें ये गलतियां, छठी मैया हो जाएंगी नाराज

सूर्य को अर्घ्य देने वाले पात्र का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. कभी भी चांदी, स्टील, शीशा व प्लास्टिक के बने बर्तनों से अर्घ्य नहीं देना चाहिए.

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महापर्व छठ का आगाज महापर्व छठ का आगाज

प्रज्ञा बाजपेयी

  • नई दिल्ली,
  • 24 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 12:08 AM IST

बिहार और झारखंड का सबसे बड़ा पर्व छठ पूरे देश में बेहद धूमधाम के साथ मनाया जाता है. कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष के चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक चलने वाला चार दिन का ये पर्व मंगलवार से 'नहाय-खाय' के साथ शुरू हो गया है. सूर्य देव की बहन छठी मैय्या की पूजा में अगर कुछ चूक हो जाती है तो यह आपको महंगा पड़ सकता है. पूजा के दौरान अगर आप ये गलतियां करते हैं तो छठी मैय्यी नाराज हो सकती हैं. आपको पूजा का पूरा फल मिले और छठी मैय्या आप पर प्रसन्न हो जाएं, इसके लिए आपको इन गलतियों से बचना चाहिए.

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छठी मैय्या का प्रसाद बनाते समय पूरी पव‌ित्रता का ध्यान रखें.

व्रत के दौरान घर में मांसाहारी खाना बिल्कुल भी नहीं रखना चाहिए. व्रत के दौरान घर में धूम्रपान भी नहीं किया जाना चाहिए.

सूर्य को अर्घ्य देने से पहले जल या भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए.

घर में प्याज और लहसुन बिल्कुल न रखें.

सूर्य को अर्घ्य देने वाले पात्र का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. कभी भी चांदी, स्टील, शीशा व प्लास्टिक के बने बर्तनों से अर्घ्य नहीं देना चाहिए.

अगर आपने छठी मैय्या की मनौती मानी है तो उसे जरूर पूरा कर लेना चाहिए. नहीं तो छठी मैय्या नाराज हो जाएंगी.

प्रसाद बनने की जगह पर भोजन नहीं करना चाहिए.

छठ का व्रत करने वाले को वाणी पर भी संयम रखना चाहिए. किसी को अपशब्द कहने से पूजा का फल नहीं मिलेगा.

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घर में प्याज और लहसुन बिल्कुल न रखें।

स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, पूजा के दौरान गंदे कपड़े नहीं पहनना चाहिए.

नहाय खाय से छठ समाप्त होने तक व्रती महिला और पुरुष को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए.

प्रसाद बनाते वक्त कुछ खाना नहीं चाहिए. नमक या इससे बनी चीजों को नहीं छूना चाहिए.

पूजा की किसी भी वस्तु को जूठे या गंदे हाथों से ना छूएं.

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