उज्जैन: महाकाल के आंगन में जली देश की सबसे पहली होली, आज विशेष आयोजन

मध्य प्रदेश के उज्जैन (MP Ujjain) में स्थि​त बाबा महाकाल (Baba Mahakal) के दरबार में सबसे पहले होलिका दहन हुआ. इसी के साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने बाबा के साथ होली खेली. कोरोना संक्रमण की वजह से लंबे समय बाद भक्तों को यह अवसर मिला है. आज मंदिर में धुलेंडी का पर्व मनाया जाएगा. इसके अलावा अन्य कई आयोजन भी होंगे.

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महाकाल के आंगन में जली देश की सबसे पहली होली, आज होंगे विशेष आयोजन. महाकाल के आंगन में जली देश की सबसे पहली होली, आज होंगे विशेष आयोजन.

संदीप कुलश्रेष्ठ

  • उज्जैन,
  • 18 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 7:07 AM IST
  • सर्वप्रथम महाकाल के आंगन में हुआ होलिका दहन
  • भक्तों ने सबसे पहले राजाधिराज के साथ खेली होली

बाबा महाकाल मृत्यु लोक के अधिष्ठाता हैं. देश में सबसे पहले उज्जैन (MP Ujjain) में बाबा महाकाल के दरबार में हर त्योहार मनाया जाता है. महाकाल को रंग लगाकर होली पर्व मनाया गया. देश में सबसे पहले महाकाल के दरबार में होलिका दहन किया गया. कोरोना संक्रमण की वजह से लंबे इंतजार के बाद आज श्रद्धालु महाकाल के दरबार में बड़ी संख्या में त्योहार मनाने पहुंचे.

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महाकाल के आंगन में देश की सबसे पहली होली जलाई गई. होलिका दहन के पहले बाबा महाकाल की संध्या आरती में भक्तों ने रंग गुलाल के साथ होली खेली. बड़ी संख्या में भक्त बाबा की भक्ति में रंगे दिखाई दिए. महाकाल के दरबार में होलिका दहन किया गया. इसके बाद आज सुबह ब्रह्म मुहूर्त में शेष स्थानों पर होलिका दहन किया जाएगा.

मंदिर में सबसे पहले मनाए जाते हैं सभी सनातनी त्योहार

उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में परंपरा के अनुसार सनातन धर्म के सभी त्योहारों को सबसे पहले और हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है. इसी कड़ी में फाल्गुन मास में मनाए जाने वाले होली पर्व को सबसे पहले महाकाल मंदिर के आंगन में मनाया गया. सबसे पहले त्योहार मनाने के लिए यहां विशेष तैयारियां की जाती हैं. सभी भक्तगणों को इस पर्व का इंतजार था.

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महाकाल मंदिर के आंगन में पुजारी परिवार की महिलाओं ने होलिका का पूजन किया. इसके बाद गोधूलि बेला में होलिका का दहन किया गया. भगवान महाकाल के साथ जमकर रंग गुलाल उड़ाकर होली खेली गई. महाकाल के हजारों भक्त रंग और गुलाल में सराबोर नजर आए. आज शुक्रवार को भस्म आरती के पश्चात धुलेंडी का पर्व मनाया जाएगा. महाकालेश्वर भगवान की संध्या काल आरती में सबसे पहले बाबा को गुलाल अर्पित किया जाएगा.

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