हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. प्रत्येक माह आने वाले त्योहारों में मासिक शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है. यह व्रत बहुत आसान और प्रभावशाली है. मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति व्रत रखता है और पूरी श्रद्धा से शिव पूजन करता है उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन भगवान शिव की आराधना कर आप महावरदान की प्राप्ति कर सकते हैं.
मासिक शिवरात्रि का महत्व- मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने और पूजा करने वाले लोगों की सारी समस्याएं दूर होती हैं. मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत करने से मनोवांछित वर की प्राप्ति होती है और विवाह में आ रही रुकावटें दूर होती हैं. जिन लोगों के विवाह में देरी हो रही हो या किसी प्रकार की अड़चन आ रही हो उन्हें भी मासिक शिवरात्रि का व्रत करने की सलाह दी जाती है. मासिक शिवरात्रि के दिन शिव चालीसा का बहुत महत्व होता है. शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को प्रसन्न किया जा सकता है.
मासिक शिवरात्रि की पूजन विधि- स्नान करने के बाद पीले या सफेद रंग के साफ वस्त्र धारण पहनें. पूजा वाली जगह पर भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश जी, भगवान कार्तिकेय और भगवान शिव के वाहन नंदी की प्रतिमा स्थापित करें और उनकी पूजा करें.
पूजन सामग्री- मासिक शिवरात्रि की पूजा में शिव परिवार को पंचामृत से स्नान कराया जाता है. पूजा में बेल पत्र, फल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य और इत्र जरूर शामिल करें. इस दिन व्रत करने वालों को शिव पुराण या शिवाष्टक का पाठ अवश्य करना चाहिए. पूजा का समापन शिव आरती के साथ करें.
आषाढ़ की मासिक शिवरात्रि का शुभ मुहूर्त- मासिक शिवरात्रि गुरुवार, 8 जुलाई को सुबह 03 बजकर 20 मिनट से शुक्रवार, 09 जुलाई को सुबह 05 बजकर 16 मिनट तक रहेगी.
ये भी पढ़ें:
aajtak.in