Ashadha Gupt Navratri 2025: आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्र आज से शुरू? जानें पूजन विधि और दिव्य उपाय

Ashadha Gupt Navratri 2025: इस साल आषाढ़ मास की प्रतिपदा तिथि 25 जून को शाम 04:00 बजे से लेकर 26 जून को दोपहर 01:24 बजे तक रहेगी. उदिया तिथि के अनुसार, गुप्त नवरात्र की शुरुआत 26 जून को होगी और 4 जुलाई को इसका समापन होगा.

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आषाढ़ गुप्त नवरात्र 2025 आषाढ़ गुप्त नवरात्र 2025

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 जून 2025,
  • अपडेटेड 6:00 AM IST

हिंदू धर्म में नवरात्र का विशेष महत्व बताया गया है. नवरात्र में देवी मां के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है. हर वर्ष चार बार नवरात्र आते हैं. दो प्रमुख नवरात्र होते हैं, शारदीय और चैत्र और दो अन्य गुप्त नवरात्र आते हैं. गुप्त नवरात्र तंत्र मंत्र की साधना में लीन रहने वाले लोगों के लिए महत्वपूर्ण माने जाते है. माना जाता है कि इस समय की गई पूजा से सभी प्रकार की बाधाएं दूर होती हैं और सुख, समृद्धि और सफलता प्राप्त होती है. आज से आषाढ़ माह के गुप्त नवरात्र शुरू हो रहे हैं.

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कब है आषाढ़ गुप्त नवरात्र 2025?

इस साल आषाढ़ मास की प्रतिपदा तिथि 25 जून को शाम 04:00 बजे से लेकर 26 जून को दोपहर 01:24 बजे तक रहेगी. उदिया तिथि के अनुसार, गुप्त नवरात्र की शुरुआत 26 जून को होगी और 4 जुलाई को इसका समापन होगा.

पूजन विधि

इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके नवरात्र के पूजन की सामग्री को एकत्रित करें. इसके बाद मां दुर्गा की प्रतिमा को लाल रंग के वस्त्र में सजाएं और मिट्टी के बर्तन में जौ के बीज बोएं. अब विधिपूर्वक शुभ मुहूर्त में कलश को स्थापित करें. कलश को गंगाजल से भरें. उसके मुख पर आम की पत्तियां लगाएं और उस पर एक नारियल रखे दें. फिर कलश को लाल कपड़े से लपेटें और कलावा के बांधें. फूल, कपूर, अगरबत्ती और दीपक के साथ पूजन शुरू करें और अंत में माता की आरती जरूर करें.

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गुप्त नवरात्र में रखें इन बातों का ध्यान 

गुप्त नवरात्र के दौरान ढाड़ी-बाल या नाखून काटने से बचना चाहिए. इसके साथ तामसिक भोजन जैसे मास-मदिरा और लहसुन-प्याज से दूर रहना चाहिए. अपशब्दों का प्रयोग बिल्कुल न करें और मन में किसी के प्रति बुरे विचार न लाएं. इन नौ दिनों में ब्रह्मचर्य का पालन करें और सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा करें.

गुप्त नवरात्रि में करें ये उपाय

गुप्त नवरात्र के दौरान सुबह-शाम दुर्गा चालीसा और दुर्गा सप्तशती का सच्चे मन से पाठ करें. साथ ही पूजा में लौंग और बताशे का भोग चढ़ाएं. मां दुर्गा को लाल रंग के पुष्प अर्पित करें और मां दुर्गा के विशिष्ट मंत्र 'ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विच्चे' का 108 बार जप करें. मान्यता है कि ऐसा करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती है और भक्तों के जीवन में खुशहाली आती है.
 

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