जयपुर पुलिस ने एक बड़े सेक्सटॉर्शन रैकेट का खुलासा करते हुए दो शातिर महिलाओं को गिरफ्तार किया है. ये रईस और प्रभावशाली पुरुषों को प्रेमजाल में फंसाकर दुष्कर्म के झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर मोटी रकम वसूलती थीं. गिरफ्तार महिलाओं की पहचान मीतू पारीक और इंदु वर्मा के रूप में हुई है.
दरअसल, मीतू पारीक और इंदु वर्मा पर आरोप है कि ये अलग-अलग व्यापारियों और पैसेवालों से दोस्ती कर उन्हें होटल में बुलाती थी. इसके बाद दोनों महिलाएं उनके साथ समय बिताती थीं. फिर बाद में दुष्कर्म की धमकी देकर 50 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक वसूलने का टारगेट रखती थीं.
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ऐसे फंसा रही थीं जाल में
चित्रकूट थाना क्षेत्र के थानाधिकारी अंतिम शर्मा ने बताया कि 13 जून को एक व्यापारी ने शिकायत दी कि उसके दो दोस्तों ने घबराते हुए फोन कर कहा कि मीतू नाम की महिला को तत्काल 5 लाख रुपये देने हैं. व्यापारी ने मीतू के घर जाकर पैसे भी दे दिए. बाद में जब उसे शक हुआ तो उसने दोस्तों से बात की.
दोनों दोस्तों ने बताया कि मीतू और इंदु ने उनसे दोस्ती की और घूमने के बहाने आमेर के एक होटल ले गईं. वहां से लौटने के बाद उन्होंने दुष्कर्म का केस दर्ज कराने की धमकी देकर 50 लाख रुपये की मांग की. इस धमकी के बाद पीड़ितों से पहले 5 लाख नकद. फिर 2 लाख रुपये ऑनलाइन ट्रांसफर कराए गए. तीसरी किश्त के रूप में जब महिलाओं ने 3 लाख और मांगे तो व्यापारी ने नकद न होने का हवाला दिया. इस पर उन्होंने चेक की मांग की और मिलने के लिए एक कैफे बुलाया.
रंगे हाथ पकड़ी गईं आरोपी
पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने योजनाबद्ध तरीके से कार्रवाई करते हुए दोनों महिलाओं को कैफे से रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने मौके से मीतू पारीक के पास से 2.20 लाख रुपये नकद भी बरामद किए, जो इंदु वर्मा का हिस्सा था.
पूर्व में भी कर चुकी थीं कई वारदातें
डीसीपी अमित कुमार के अनुसार, जांच में यह भी सामने आया कि दोनों महिलाएं पहले से ही कई हाई-प्रोफाइल लोगों को इस जाल में फंसा चुकी हैं. उनके मोबाइल की जांच में चार बड़े मामलों के सबूत मिले हैं. महिलाएं वसूली को कानूनी जामा पहनाने के लिए पीड़ितों से स्टांप पेपर पर शपथ पत्र लिखवाती थीं, जिसमें लिखा होता था कि वह स्वेच्छा से इतनी राशि का भुगतान कर रहे हैं.
इसमें पेमेंट की तारीख, तरीका और राशि का विवरण भी होता था. एक बार जैसे ही कोई पीड़ित भुगतान शुरू करता, ये महिलाएं नए शिकार की तलाश में जुट जातीं और उसी स्क्रिप्ट के तहत नए व्यक्ति को फंसाने लगती थीं.
आगे की कार्रवाई
पुलिस अब दोनों आरोपियों को रिमांड पर लेकर पूरे गिरोह की परतें खोलने में जुटी है. यह मामला न केवल आर्थिक अपराध है, बल्कि समाज में डर और ब्लैकमेलिंग की मानसिकता को बढ़ावा देने वाला भी है. पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि इस रैकेट में और कौन-कौन शामिल हैं और क्या इनके पीछे कोई संगठित गिरोह काम कर रहा है.
विशाल शर्मा