राजस्थान के टोंक जिले के पीपलू उपखंड क्षेत्र के सौंधीफल गांव में रविवार शाम एक हृदयविदारक हादसा हो गया. एक ही परिवार के तीन चचेरे भाइयों की तालाब में डूबने से मौत हो गई. ये तीनों भाई, जिनकी उम्र लगभग 15 साल थी, परिवार की भैंसों को पानी पिलाने तालाब पर गए थे.
मिली जानकारी के अनुसार, भैंसों को पानी पिलाने के दौरान जब भैंसें तालाब से बाहर नहीं आ रही थीं तो अंकेश बैरवा नामक किशोर उन्हें निकालने के लिए तालाब में कूद गया. अंकेश को डूबता देख चचेरे भाई विकास और सुनील भी उसे बचाने के लिए तालाब में कूद गए और खुद भी गहरे पानी में डूब गए.
शोर सुनकर एक बच्चे के पिता राजेश बैरवा ने भी बचाने की कोशिश की, लेकिन वे भी खुद डूबते-डूबते बचे. बाद में मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने अपने स्तर पर तालाब से तीनों बालकों के शव को पानी से निकाला.
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चचेरे भाई थे तीनों
हादसे के बाद बैरवा ढाणी में कोहराम मच गया, क्योंकि तीनों अलग-अलग परिवारों से थे लेकिन रिश्ते में चचेरे भाई थे. बैरवा ढाणी में तीन भाईयों का ही परिवार रहता है और डूबने वाले तीनों बालक तीनों परिवारों से थे.
थाना झिराना के एसएचओ हरिमन मीणा ने बताया कि शवों को पीपलू सीएचसी की मॉर्चरी में रखा गया है, जहां सोमवार सुबह पोस्टमॉर्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाएगा.
एक मृतक राखी पर आया जयपुर से गांव
सुनील और विकास बोरखंडी कलां के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कक्षा 10 के छात्र थे, जबकि अंकेश जयपुर में परिवार के साथ रहता था और रक्षाबंधन पर गांव आया हुआ था.
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इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए रात लगभग 9बजे कलेक्टर कल्पना अग्रवाल स्वयं पीपलू सीएचसी पहुंची. कलेक्टर ने यहां परिजनों को ढाढस बंधाते हुए जिला प्रशासन की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है.
मनोज तिवारी