राजस्थान के उदयपुर के पॉक्सो-2 कोर्ट ने 8 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म के हत्या और शव के टुकड़े करने के मामले में सोमवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया है. कोर्ट ने आरोपी कमलेश को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई. दोषी के माता-पिता को सबूत मिटाने और उसकी मदद करने के लिए जिम्मेदार मानते हुए 4-4 साल की सजा सुनाई. हालांकि, दंपती ने पहले जमानत याचिका दायर कर रखी थी. ऐसे में उन्हें जमानत दे दी.
दरअसल, पिछले साल 29 मार्च 2023 को बच्ची के पिता ने उसके लापता होने की रिपोर्ट मावली थाने में दर्ज कराई थी. जिसमें उन्होंने बताया था कि उनकी 8 साल की बेटी दोपहर 4 बजे स्कूल से आई थी और ड्रेस बदलकर ताऊ के पास जाने का कहकर निकल गई. तब से वापस नहीं लौटी तो पुलिस ने डॉग स्क्वॉयड की मदद से तलाश शुरू की तो एक अप्रैल को पीड़िता का शव एक खंडहर में एक बोरे में पड़ा मिला.
इसके बाद पुलिस ने संदेह के आधार पर कमलेश नाम के आरोपी को हिरासत में लिया. तब आरोपी कमलेश ने चॉकलेट देने के बहाने बच्ची को घर लेकर बच्ची का रेप कर बेरहमी से उसकी हत्या करने की बात कबूल कर ली. यही नहीं उसने बच्ची के हाथ, पैर, धड़ सहित शव के 10 टुकड़े कर बोरे में भरकर घर से करीब 200 मीटर दूर एक खंडहर में फेंक आया था.
आरोपी मृतक बच्ची के घर के पास ही रहता था और बच्ची आरोपी को भाई कहती थी. और रक्षा बंधन पर राखी बांधती थी. घटना के दिन आरोपी कमलेश घर में अकेला था और वो खिड़की में बैठकर मोबाइल पर पॉर्न मूवी देख रहा था. तभी बच्ची को खेत पर जाता देख उसे चॉकलेट का लालच देकर आवाज लगाकर अपने घर के अंदर बुलाकर बाथरूम में ले गया. फिर कमलेश की हरकतों से बच्ची चिल्लाने लगी तो उसके मुंह में कपड़ा ठूंस दिया. फिर बच्ची के साथ दरिंदगी के बाद वो उसको उठाने लगा, लेकिन बच्ची निढाल पड़ी थी और आरोपी ने उसे मरा समझ उसके टुकड़े-टुकड़े कर दिए.
शरत कुमार