राजस्थान हाईकोर्ट ने स्वयंभू धर्मगुरु असाराम बापू को छह महीने की जमानत दे दी है. अदालत ने यह राहत उन्हें स्वास्थ्य कारणों के आधार पर दी है. असाराम साल 2018 से नाबालिग से दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं.
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा और न्यायमूर्ति संगीता शर्मा की खंडपीठ ने असाराम की सजा स्थगन याचिका और नियमित जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया.
असाराम को इलाज के लिए मिली छह महीने की जमानत
असाराम के वकील देवदत्त कामत ने अदालत में दलील दी कि 84 वर्षीय असाराम लंबे समय से बीमार हैं और जेल में उचित इलाज संभव नहीं है. उन्होंने कहा कि जमानत मिलने से उनका इलाज बेहतर ढंग से हो सकेगा. वहीं राज्य सरकार की ओर से एएजी दीपक चौधरी और पीड़िता की ओर से अधिवक्ता पीसी सोलंकी ने इस जमानत याचिका का विरोध किया.
दोनों ने तर्क दिया कि असाराम को पहले भी कई बार अंतरिम राहत मिल चुकी है और अब फिर से रिहाई से गलत संदेश जाएगा. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने असाराम को छह महीने की जमानत देने का आदेश दिया. अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यह जमानत सिर्फ चिकित्सा उपचार के उद्देश्य से दी जा रही है.
रेप के आरोप में उम्रकैद की सजा काट रहा है आसाराम
असाराम को इससे पहले 7 जनवरी 2025, जुलाई और अगस्त में भी मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत मिल चुकी थी. हालांकि, 27 अगस्त को न्यायमूर्ति दिनेश मेहता और न्यायमूर्ति वीनीत कुमार माथुर की पीठ ने उनकी जमानत अवधि बढ़ाने की याचिका खारिज कर दी थी, जिसके बाद उन्होंने 30 अगस्त को आत्मसमर्पण किया था.
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