इंजीनियर के 40 ठिकानों पर छापे... अब तक 55 प्लॉट, ₹6.25 करोड़ की प्रॉपर्टी और म्यूचुअल फंड में ₹90 लाख जमा मिले

Jaipur News: इंजीनियर अविनाश शर्मा और उनके परिवार के 7 बैंक खातों में करीब 30 लाख रुपये जमा हैं. उनकी बेटियों की स्कूली शिक्षा, कोचिंग और उच्च शिक्षा पर लगभग 50 लाख रुपये खर्च किए गए. इसके अलावा, म्यूचुअल फंड में 90 लाख रुपये का निवेश और 25 लाख रुपये की चौपहिया और दोपहिया गाड़ियां खरीदने का खुलासा हुआ. 

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SE अविनाश शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी. SE अविनाश शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी.

शरत कुमार

  • जयपुर ,
  • 11 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 12:40 PM IST

राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (ACB) ने ऑपरेशन 40 प्लस के तहत जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) के अधीक्षण अभियंता (SE) अविनाश शर्मा के ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की है. ब्यूरो की दर्जनभर टीमें जयपुर के तमाम स्थानों और JDA कार्यालयों में अधिकारी के खिलाफ सर्च अभियान चला रही हैं. 

ACB के अनुसार, अविनाश शर्मा ने राजकीय सेवा में नियुक्ति के बाद से अब तक 6.25 करोड़ रुपये की आय से अधिक संपत्ति अर्जित की है, जो उनकी वैध आय से 253 प्रतिशत अधिक है. जांच में अब तक उनके सात बैंक खातों और लॉकर की जानकारी मिली है, जिनके बारे में और विवरण जुटाया जा रहा है.

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अधिकारी ने जयपुर के गोपालपुरा मोड, मानसरोवर, सांगानेर, पृथ्वीराज नगर, जगतपुरा, प्रतापनगर और रिंग रोड के आसपास की 25 से अधिक कॉलोनियों में 50 से ज्यादा संपत्तियां खरीदीं और निर्माण कार्य में करोड़ों रुपये खर्च किए. 

एसीबी का मानना है कि JDA में पदस्थापन के दौरान अविनाश शर्मा ने भ्रष्टाचार के जरिए गृह निर्माण समितियों और बिल्डरों को लाभ पहुंचाया और बदले में गिफ्ट के तौर पर बेहद कम दरों पर प्लॉट हासिल किए. इन प्लॉट्स की खरीद के समय भी बाजार मूल्य करोड़ों रुपये में था.

जांच अधिकारी ज्ञान प्रकाश नवल के नेतृत्व में छापेमारी के दौरान पता चला कि अविनाश शर्मा और उनके परिवार के 7 बैंक खातों में करीब 30 लाख रुपये जमा हैं. उनकी बेटियों की स्कूली शिक्षा, कोचिंग और उच्च शिक्षा पर लगभग 50 लाख रुपये खर्च किए गए. इसके अलावा, म्यूचुअल फंड में 90 लाख रुपये का निवेश और 25 लाख रुपये की चौपहिया और दोपहिया गाड़ियां खरीदने का खुलासा हुआ. 

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अविनाश शर्मा की ज्यादातर संपत्तियां 25 स्कीमों-कॉलोनियों में अर्जित की गई हैं. ACB को संदेह है कि JDA में अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने इन स्कीमों और कॉलोनियों के नियमन व विकास में डेवलपरों को नियमों के विपरीत फायदा पहुंचाया. इसकी पुष्टि के लिए JDA के विभिन्न जोन कार्यालयों में भी तलाशी जारी है. 

फिलहाल, अधिकारी के 40 से ज्यादा ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन चल रहा है. यह कार्रवाई JDA में व्याप्त भ्रष्टाचार पर बड़ा प्रहार मानी जा रही है.

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