राजस्थान के बहुचर्चित लेक्चरर नीतू गुर्जर हत्याकांड में 7 साल बाद मुख्य आरोपी गिरफ्त में आया है. करौली पुलिस ने आरोपी संतोष गुर्जर को आंध्र प्रदेश से अरेस्ट किया, जो कई साल से फरार चल रहा था. वह अपनी पहचान छिपाने के लिए लगातार अलग-अलग राज्यों में रहकर मजदूरी कर रहा था.
एजेंसी के अनुसार, करौली के एसपी लोकेश सोनवाल ने बताया कि 32 साल का आरोपी संतोष गुर्जर, जगदीशपुरा का रहने वाला है. उसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया था. गिरफ्तारी से बचने के लिए वह बार-बार अपना ठिकाना बदलता रहा. वह तमिलनाडु, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में पहचान बदलकर मजदूरी करता रहा.
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पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि आरोपी विजयवाड़ा के नजदीक थुल्लुरु गांव में छिपा हुआ है. इस आधार पर पुलिस की स्पेशल टीम ने वहां दबिश दी. पुलिस की मौजूदगी देखते ही आरोपी जंगल की ओर भागने लगा. करीब एक किलोमीटर तक पीछा करने के बाद टीम ने उसे पकड़ लिया. फिलहाल आरोपी को टोडाभीम पुलिस के हवाले किया जाएगा, ताकि आगे की जांच हो सके.
हादसा नहीं, सोची-समझी हत्या थी
यह घटना 14 नवंबर 2018 की है, जब लेक्चरर नीतू गुर्जर अपने भाई लोकेश के साथ बाइक से जा रही थीं. तभी एक एसयूवी ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी. हादसे में दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए और इलाज के दौरान नीतू की मौत हो गई थी. शुरुआती जांच में इसे सड़क दुर्घटना माना गया, लेकिन बाद में पुलिस की जांच में सामने आया कि यह एक पूर्व नियोजित हत्या थी.
नीतू गुर्जर की हत्या ने उस समय प्रदेश में सनसनी फैला दी थी. परिवार और स्थानीय लोगों ने लगातार इंसाफ की मांग की थी. अब मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी को लेकर पुलिस बड़ी कामयाबी मान रही है. पुलिस का कहना है कि आरोपी से पूछताछ में और भी अहम खुलासे हो सकते हैं.
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