जोधपुर में सुधर रहे हैं हालात, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात

जोधपुर बवाल को लेकर राजस्थान सरकार की ओर से बयान जारी किया गया है. इसमें बताया गया है कि गुरुवार को शहर में 10 थाना क्षेत्रों में थाना स्तर पर सीएलजी की बैठकों का आयोजन किया गया.

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फाइल फोटो फाइल फोटो

शरत कुमार

  • जोधपुर,
  • 05 मई 2022,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST
  • जोधपुर में शांतिपूर्ण हुआ माहौल
  • राजस्थान सरकार ने जारी किया बयान

राजस्थान के जोधपुर में उपद्रव के बाद अब शांति हो गई है. धीरे-धीरे हालात सुधर रहे हैं. हालांकि कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न थानों में एहतियात के तौर पर पुलिस बल तैनात है. ईद की पूर्व संध्या पर हुए बवाल के बाद समाज के गणमान्य लोगों के प्रयास के बाद शांतिपूर्ण माहौल बना हुआ है. 
जोधपुर बवाल को लेकर राजस्थान सरकार की ओर से बयान जारी किया गया है. इसमें बताया गया है कि गुरुवार को शहर में 10 थाना क्षेत्रों में थाना स्तर पर सीएलजी की बैठकों का आयोजन किया गया. इनमें सदर कोतवाली, सदर बाजार, नागौरी गेट, खाण्डा फालसा, उदय मन्दिर, सरदारपुरा, प्रतापनगर, प्रतापनगर सदर, देव नगर एवं सूरसागर थाना क्षेत्र शामिल हैं. प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की मेहनत रंग लाई और जोधपुर की शांतिपूर्ण छवि के संकल्प को बनाए रखा. 
 

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पुलिस एवं प्रशासन पर जताया भरोसा 

बैठकों में उपस्थित लोगों ने अफवाहों पर विश्वास नहीं करने का भरोसा दिलाया और कहा कि किसी भी प्रकार की बात सामने आने पर पहले पुलिस एवं प्रशासन से सम्पर्क कर पुष्टि करेंगे और सही स्थिति जानेंगे. शहर के प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि प्रशासन एवं पुलिस की कार्रवाई एवं निष्पक्षता पर हमें पूरा भरोसा है और हम साथ हैं.
इन बैठकों में क्षेत्रवासियों ने कर्फ्यू में ढील दिए जाने तथा क्षेत्र में फ्लेग मार्च का आग्रह किया और विश्वास दिलाया कि शहरवासी प्रशासन एवं पुलिस के प्रयासों में हरसंभव साथ हैं. सभी चाहते हैं कि जोधपुर की स्थिति पहले की तरह हो जाए. इन बैठकों में विभिन्न समुदायों के प्रतिनिधियों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर मुंह मीठा किया तथा गले मिलकर आपसी भाईचारे का पैगाम दिया.

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क्या था पूरा मामला?
जालोरी गेट इलाका जो कि मुस्लिम बहुल इलाका है वहां ईद से एक रात पहले ईद का झंडा लगाया गया था. ऐसा वहां बरसों से होता आया है. इसके साथ वहां एक लाउडस्पीकर भी लगा था. फिर वहां कुछ हिंदू संगठन से जुड़े लोग पहुंचते हैं और खींचकर झंडा उतार देते हैं. हिंदू संगठन कहते हैं कि उन्होंने वहां परशुराम जयंती के दिन भगवा झंडा लगाया था.
झंडा उतारे जाने के वीडियो कुछ ही देर में वायरल हो गए थे, रात को किसी तरह बात संभल गई. लेकिन फिर सुबह हालात बिगड़ गए.

पुलिस ने किया था बलप्रयोग

यहां स्वतंत्रता सेनानी बाल मुकुंद बिस्सा की मूर्ति के पास भगवा झंडे पर मुस्लिम समाज के लोगों की नजर सुबह तब पड़ती है जब वे नमाज के लिए जुटते हैं. घटना से गुस्साए मुस्लिम समाज के लोगों ने तब पथराव और आगजनी शुरू की थी. फिर चौराहे पर कई गाड़ियों के कांच फोड़ दिए गए. फिर पथराव हुआ. भीड़ ने लाउडस्पीकर लगाए हुए उतार दिए. इधर, पुलिस ने भी उपद्रवियों को काबू करने के लिए हल्का बल प्रयोग किया. जिसके बाद मुस्लिम समाज के लोग भी वहां चौराहे पर पहुंच गए और फिर पत्थरबाजी हुई.
पुलिस ने जालोरी गेट से ईदगाह रोड पर आंसू गैस के गोले दागे. देखते-देखते भारी संख्या में जाब्ता तैनात किया गया. दोनों पक्षों के लोग जमा हो गए. पुलिस ने देर रात को पूरा इलाका लोगों से खाली करवा लिया. इस झड़प के बाद जिले और शहर में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थी.

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