बीते मंगलवार की दोपहर को राजस्थान के जैसलमेर जिले में एक निजी बस अचानक आग की चपेट में आ गई, जिसमें लगभग 20 यात्रियों की मौत हो गई और 16 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए. 57 यात्रियों को लेकर जोधपुर की ओर जा रही बस में यह हादसा जैसलमेर-जोधपुर हाइवे पर हुआ. बेकसूरों को जिंदा जला देने वाले इस दर्दनाक हादसे में कई और चीजें सामने आ रही हैं.
धुआं भरने से ल़ॉक हो गया था बस का दरवाजा
मालूम हुआ कि हादसे वाली बस को नॉर्मल से AC में मॉडिफाई करवाया गया था और इसी सेंट्रल AC में शॉर्ट सर्किट हादसे का कारण बना. केके ट्रैवल्स की नयी इस बस को 5 दिन पहले ही इस रूट पर लगाया था. जानकारी के अनुसार आग लगते ही धुआं भरने से बस का दरवाजा लॉक हो गया था, जिसके चलते लोग छटपटाकर रह गए लेकिन समय होने के बावजूद बाहर नहीं निकल सके. इस हादसे में सेतरावा के लवारन गांव के महेंद्र मेघवाल का 5 लोगों को पूरा परिवार ही खत्म हो गया.महेंद्र मेघवाल, उनकी पत्नी और तीन बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई.
कांच तोड़कर कूदे लोग
मौके पर पहुंचे थईयात गांव निवासी कस्तूर सिंह ने घटना की पूरी जानकारी दी, उन्होंने बताया-'लोग कांच तोड़कर कूदे और जान बचा लेने की गुहार लगाते रहे. हादसे के दौरान काफी देर तक कोई फायर ब्रिगेड नहीं आई. आखिर में आर्मी ने JCB लगाकर बस का गेट तोड़ा और लोगों का रेस्क्यू किया. कस्तूर सिंह ने दावा किया कि बस से 16 लोगों को ही बाहर निकाला गया.
एक ही परिवार के 5 की मौत
महेंद्र जैसलमेर में सेना के गोला बारूद डिपो में कार्यरत थे और शहर में इंद्रा कॉलोनी में किराए के मकान में रहता थे. वे दीपावली मनाने के लिए परिवार के पास गांव जा रहे थे. जैसलमेर के एक स्थानीय पत्रकार राजेन्द्र सिंह भी इस बस हादसे में जिंदा जल गए. वे एक उद्घाटन में पोकरण जा रहे थे. घायलों में एक कपल भी है, जो प्री-वेडिंग शूट कराकर जोधपुर लौट रहा था.
बस को सेना स्थल (वार म्यूजियम के पास) लाकर मृतकों की पहचान के लिए DNA जांच की जा रही. जले हुए यात्रियों की पहचान कर परिजनों को सौंपने की प्रक्रिया जारी है. जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जोधपुर मेट्रो द्वारा बर्न वार्ड की विशेष व्यवस्था की गई.
विमल भाटिया